कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे सांसद शशि थरूर ने अपने चुनावी घोषणा पत्र से नए विवाद को जन्म दे दिया है। घोषणा पत्र के पेज नंबर दो पर छपे भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर गायब हैं। थरूर की ओर से अभी तक इस बारे में कोई सफाई नहीं दी गई है।
नक्शे के नीचे लिखा- PCC अध्यक्षों को अधिकार मिलने चाहिए घोषणा पत्र के जिस पेज पर विवादित नक्शा छपा है, उस पर लिखा है- हर पार्टी को सिर्फ टॉप पर नहीं, बल्कि सभी लेवल पर नेतृत्व की जरूरत होती है। राज्यों में कांग्रेस को सशक्त बनाने के लिए PCC अध्यक्षों को वास्तविक अधिकार मिलने चाहिए। इससे पार्टी के जमीनी वर्कर्स सही मायने में सशक्त बनेंगे। हमें भाजपा के पार्टी और शासन के मामलों में सत्ता के सेंट्रलाइजेशन के लिए एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करना चाहिए। राज्य, जिला, ब्लॉक देना और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने से न केवल नए नेता को अत्यधिक प्रशासन के भारी बोझ से मुक्ति मिलेगी, बल्कि मजबूत राज्य नेतृत्व बनाने में मदद भी होगी।
थरूर समेत तीन नेताओं ने भरा नामांकन, खड़गे सब पर भारी
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को 3 नामांकन हुए। पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नॉमिनेशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा।
थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे, लेकिन गांधी फैमिली की चॉइस बताए जा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं के नाम हैं। इनमें जी-23 के बड़े चेहरे आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं। खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर यह साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं।
ऐसे होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव
- दो से ज्यादा लोग होते हैं, तो रिटर्निंग अधिकारी उन नामों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास भेजते हैं। वोटिंग वाले दिन प्रदेश कमेटी के सभी सदस्य उसमें हिस्सा लेते हैं। पीसीसी के प्रदेश मुख्यालय में वोटिंग पेपर और बैलेट बॉक्स से चुनाव होता है। अगर दो उम्मीदवार हैं, तो वोट देने वालों को किसी एक का नाम लिख कर बैलेट बॉक्स में डालना होता है।
- यदि दो से ज्यादा उम्मीदवार हैं, तो वोट देने वाले को पहला दो प्रिफरेंस (वरीयता) 1 और 2 नंबर के जरिए लिखना होता है। दो से कम प्रिफरेंस लिखने वालों के वोट अमान्य करार दिए जाते हैं। हालांकि वोटिंग करने वाले दो से ज्यादा प्रिफरेंस दे सकते हैं। पीसीसी में जमा किए गए बैलेट बॉक्स को एआईसीसी भेजा जाता है।