Faridabad/AtulyaLoktantra : देश भर में सर्दी के मौसम के साथ- साथ परीक्षा का मौसम भी शुरू हो चुका है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने भी बोर्ड परीक्षा का ऐलान कर दिया है। हालांकि अभी टाइम टेबल की घोषणा नहीं हुई है। बोर्ड की ये परीक्षाएं बच्चों का मूल्यांकन करते है। ये एग्जाम विद्यार्थियों का भविष्य तय करती है, इसलिए माता- पिता अपने बच्चों पर अच्छा परिणाम देने के लिए दबाव बनाते है। देश के प्रधानमंत्री भी विद्यार्थी को परीक्षा की तैयार के लिए “परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम का सम्बोधन हर वर्ष करते है। विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी की जिम्मेदारी माता-पिता की भी होती है। इसलिए अभिभावकों को कुछ खास बातों पर ध्यान देना होगा :-
क्या कहना है मनोचिकित्सक का
-परीक्षा के समय अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ टाइम बिताना चाहिए।
-अभिभावकों को परीक्षा के समय बच्चों पर किसी भी तरह का दवाब नहीं डालना चाहिए।
-अभिभावकों को अपने बच्चें की तुलना दूसरे बच्चें से नहीं करनी चाहिए, इससे बच्चें के दिमाग पर गलत असर पड़ सकता है।
-अगर, बच्चें में किसी भी तरह के गलत लक्षण दिखते हैं तो माता-पिता को मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
-अभिभावकों को बच्चों को किसी भी तरह का मानसिक तनाव नहीं देना चाहिए।
बच्चों को परीक्षा के समय किन- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
-परीक्षा एक तरह का स्व: मूल्यांकन है, इसे बर्डन की तरह नहीं लेना चाहिए।
-पूरे साल मेहनत करनी चाहिए, ताकि एग्जाम टाइम में दिमाग पर ज्यादा प्रेशर न पड़े।
-Pubg , Tik- tok व अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स का प्रयोग सीमित कर दे या मोबाइल का कम से कम प्रयोग करें।
-विद्यार्थी को अपनी तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए।
– पढ़ाई करते समय बीच-बीच में थोड़ा सा ब्रेक ले लेना चाहिए। इससे पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद रहता है।
– विद्यार्थी को एग्जाम से दो घंटे पहले खुद को शांत रखना चाहिए।
-डॉ आशीष खंडेलवाल, मनोचिकित्सक-सुकून क्लिनिक