फरीदाबाद (अतुल्य लोकतंत्र ):राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। ब्रिगेड अधिकारी व प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस वर्ष वर्ल्ड कैंसर डे की थीम ‘आई एम एंड आई विल’ है। अर्थात मैं हूं और मैं रहूंगा रखी गई है। इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस की थीम जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती है। यह थीम प्रचारित करती है कि किसी व्यक्ति के कार्य कैसे प्रभावी हो सकते हैं। यह दर्शाता है कि हर क्रिया कैंसर से लड़ने के लिए महत्व रखती है। “यह वर्ष सहयोग और सामूहिक कार्रवाई की हमारी स्थायी शक्ति को स्मरण करवाता है।
विश्व कैंसर दिवस – समय पर निदान और उचित दिनचर्या से कैंसर पर विजय पाएं।
जब हम एक साथ आने का विकल्प चुनते हैं, तो हम वह प्राप्त कर सकते हैं जिसकी हम इच्छा करते हैं। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि कैंसर के बिना एक स्वस्थ, उज्जवल विश्व। ऐसे में आपके आस पास भी कोई ऐसा व्यक्ति है, जो कैंसर से लड़ाई लड़ रहा है, तो आप छोटे-छोटे प्रयास करके उसके जीवन में रंग भरकर उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के रोगी चिंता जनक रूप से देश में बढ़ रहे हैं।
4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस पर इस बीमारी को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है ताकि आमजनों को कैंसर से बचाव और स्वस्थ जीवन यापन के प्रति सचेत कर सके।
प्रिंसिपल रवींद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर को कोशिकाओं के अप्रतिबंधित बहिर्वाह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। विशिष्ट कोशिकाएं एक गांठ को जन्म देते हुए विभाजित और गुणा करना शुरू करती हैं।
कैंसर सौ से अधिक प्रकार के होते हैं। जब शरीर में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है तो इससे कैंसर होता है और अन्य ऊतकों पर भी आक्रमण करता है। यह शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि शुरुआत में ही कैंसर को डायग्नोस कर लिया जाए। लेकिन जब तक प्रभावी तरीके से हम यह नहीं बता सकते हैं कि हर प्रकार के कैंसर का कारण क्या होता है, तब तक हम सबसे आम लक्षणों को समझने की कोशिश कर सकते हैं।
कैंसर को लक्षणों को पहचान सकेंगे
अगर हम हमारे शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव पर ध्यान देंगे तो कैंसर को लक्षणों को पहचान सकेंगे। यहां ऐसे ही संकेतों के बारे में बताया है जो शरीर हमें देता है।
- ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि ज्यादातर मामलों में,
- कैंसर के मामलों का अंत चरण में निदान किया जाता है,
जिससे रोगी के बचने की संभावना कम हो जाती है।
भारत में, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से होती है। विगत वर्षों में पुरुषों और महिलाओं के बीच तंबाकू के उपयोग के कारण तीन लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुईं।
आज विद्यालय की बालिकाओं सोनी, कोमल, आंचल, यशिका और शीतल ने पोस्टर के माध्यम से कैंसर के प्रति गंभीर सतर्कता रखने का संदेश दिया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने प्राध्यापिका जसमीत और पूनम मैडम का विशेष आभार व्यक्त किया।