New Delhi/Atulya Loktantra : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्मंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि कश्मीर पर अधिकारियों की ओर से जारी हर बयान सफेद झूठ है. महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकाउंट जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद से ही उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती चला रही हैं.
इस ट्वीट में कहा गया है कि कुछ नेताओं को हिरासत से छूट ऐसे मिली है, जिन्हें कभी हिरासत में ही नहीं लिया गया था. दरअसल कुछ नेताओं की नजरबंदी हाल ही में खत्म की गई थी , जिन्हें माना जाता है कि वे सरकार समर्थक हैं.
इन नेताओं को मिली छूट
प्रशासन की तरफ से नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (J&K NPP) जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं को जम्मू में मुक्त कर दिया गया था. इनमें NC के देवेंद्र राणा व एसएस सलाथिया, कांग्रेस के रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के नेता हर्षदेव सिंह की नजरबंदी समाप्त कर दी गई.
अगस्त के पहले हफ्ते में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था. जिसके बाद कई नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों को हिरासत में लिया गया था.
इंटरनेट पर पाबंदी जारी
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि घाटी में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. कुछ जगहों पर मोबाइल सेवाएं चालू की गई हैं, वहीं इंटरनेट पर पाबंदी अभी जारी है.
हिरासत में हैं ये नेता
प्रशासन की तरफ से भले ही जम्मू के नेताओं को छूट दी गई है. लेकिन घाटी के नेता अभी भी नज़रबंद हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इन सभी नेताओं को 5 अगस्त के बाद से ही नज़रबंद किया गया है , ताकि ये घाटी में कोई राजनीतिक कार्यक्रम ना कर पाएं.