New Delhi/Atulya Loktantra : रूस ने कोविड-19 महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन विकसित करने में सफलता पा ली है। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने इस बात की पुष्टि की। राष्ट्रपति ने बताया कि इस वैक्सीन की पहली डोज जिन्हें दी गई है उनमें उनकी बेटी भी शामिल है। बता दें कि कोरोना वायरस वैक्सीन को देश में विकसित कर लिया गया है साथ ही इस्तेमाल के लिए रजिस्टर्ड भी हो गया।
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि उनकी एक बेटी ने इस वैक्सीन का डोज भी लिया है। मंगलवार को एक मीटिंग में उन्होंने यह जानकारी दी। राष्ट्रपति ने बताया कि परीक्षणों में यह वैक्सीन प्रभावी साबित हुई है और यह कोरोना वायरस से इम्युनिटी विकसित करने में कारगर है।
राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीन के लिए कई आवश्यक परीक्षण किए गए। उन्होंने आगे यह भी बताया उनकी दो बेटियों में से एक ने इस वैक्सीन का डोज लिया और उसे कोई साइड इफेक्ट नहीं है वह बिल्कुल ठीक है। रूसी अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल वर्करों, शिक्षकों समेत उन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी जिनपर संक्रमण का खतरा अधिक है।
12 अगस्त तक वैक्सीन लाने का रूस ने किया था दावा
दुनिया की निगाहें पहले वैक्सीन के लिए रूस पर ही टिकी थी। आखिरकार रूस अपने दावे पर खरा उतरा और दुनिया में घातक नॉवेल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को रजिस्टर कराने में सफल रहा। दरअसल रूस ने दावा किया था कि वह 12 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन को रजिस्टर करवाने जा रहा है। बीती 7 अगस्त को रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रूस, 12 अगस्त को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर करवाएगा। रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट(Gamalaya Research Institute) और रक्षा मंत्रालय ने साथ मिलकर इस कोरोना वैक्सीन को विकसित किया है। फिलहाल दुनिया के कई देशों में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जारी है।