Uttar Pardesh/Atulya Loktantra: कोरोना वायरस के खौफ के बावजूद अयोध्या में रामनवमी के दिन धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम होंगे क्योंकि इस बार रामनवमी बेहद खास है. रामनवमी के मेले में लाखों लोगों के जुटने की संभावना है जिसकी तैयारी में प्रशासन जुट गया है. अयोध्या के चीफ मेडिकल ऑफिसर पहले ही कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन से रामनवमी के आयोजन को टालने की अपील कर चुके हैं, लेकिन इस बार की रामनवमी खास है क्योंकि रामलला गर्भगृह के टेंट से बाहर दूसरे मंदिर में जा रहे हैं.
अयोध्या की रामनवमी होगी खास, पहली बार रामलला का लाइव प्रसारण संभव
अयोध्या में इस बार रामनवमी अन्य वर्षों की रामनवमी से अलग होगी. वजह साफ है कि रामनवमी के दिन रामलला गर्भ गृह पर बने टेंट से निकल कर फाइबर के बने मेकशिफ्ट मंदिर में विराजेंगे. सरकार और प्रशासन ने साफ किया है कि रामनवमी के दिन मेले में जुटने वाली भीड़ को कम करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं लेकिन लोगों की तादाद को रोकना बहुत मुश्किल है, क्योंकि आस्था कोरोना पर भारी दिखाई दे रही है. ऐसे भी हर दिन अयोध्या में आने वालों की तादाद कम होने की बजाय बढ़ ही रही है.
रामलला का लाइव प्रसारण संभव
रामनवमी के दिन रामलला का प्रसारण दूरदर्शन से कराने की तैयारी चल रही है ताकि लोग अपने घरों में रामलला का दर्शन कर पाएं. अभी तक रामलला की तस्वीर खींचने तक की मनाही थी लेकिन इस बार प्रशासन भीड़ को रोकने के लिए दूरदर्शन से इसके प्रसारण की कोशिशों में जुटा है. अयोध्या के डीएम अनुज झा ने बताया कि इस बार की रामनवमी खास है लेकिन उतना ही खौफ कोरोना का भी है. ऐसे में कोशिश यह की जा रही है कि भीड़ को अयोध्या आने से हतोत्साहित किया जाए और लोग अपने घरों में रामलला के दर्शन कर सकें.
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने कहा कि रामनवमी के मेले को रोकना मुश्किल है. ऐसे में प्रशासन को एहतियात के लिए कदम उठाने होंगे. साधु संत भी कोरोना के खिलाफ यज्ञ अनुष्ठान कर रहे हैं ताकि इसका असर कहीं न पड़े. बता दें कि कुछ दिन पहले अयोध्या के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने सवाल खड़े किए थे कि अयोध्या में इस बार 10 लाख लोग रामलला के दर्शन के लिए उमड़ सकते हैं और इस बार मेला भी खास होने जा रहा है. ऐसे में रामनवमी के मेले को रोका जाना चाहिए क्योंकि कोरोना का खतरा बड़ा होता जा रहा है.