सरकार (Government) क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) नाम से क्रिप्टोकरेंसी के नियमन का बिल ला रही है। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है।
क्या कहता है सर्वे (Opinion Poll on Crypto)
भारत में एक बड़ा वर्ग क्रिप्टोकरेंसी को कानून के दायरे (cryptocurrencies legalized) में लाने के खिलाफ है। क्रेप्टोकरेंसी को लेकर एक ओपिनियन पोल जारी किया गया। इस सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई कि 54 प्रतिशत भारतीय क्रिप्टो को कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं।
15 दिन चले इस सर्वे में देश के अलग-अलग हिस्सों से 56 हजार लोगों को शामिल किया गया और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) को लेकर उनके विचार जाने गए। केवल 26 फीसदी लोगों ने क्रिप्टो को कानूनी दायरे में लाने की बात कही, जबकि 20 फीसदी लोगों की इस बारे में कोई राय नहीं थी। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों में भारत में सबसे आगे है. इसके बाद भी ज्यादातर लोग इसे कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं।
RBI लगाना चाहता है पूरी तरह बैन
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) डिजिटल करेंसीज पर पूरी तरह से बैन लगाना चाहता है, क्योंकि उसे लगता है कि इससे देश की मैक्रो-इकोनॉमी (macro-economy) और फाइनेंशियल स्थिरता पर असर पड़ सकता है। वहीं, सरकार आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसीज़ पर टैक्स लगाने के बारे में सोच रही थी. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह ही कहा है कि भारत को इस मुद्दे पर ज्यादा गहराई से विचार करना होगा।
संसद की स्थायी समिति में विचार
बता दें कि सरकार ने पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी संबंध में संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। 16 नवंबर को वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन, क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया था। इस मीटिंग में यह बात निकल सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है।