महामारी की इस स्थिति में वीके पॉल का ये बयान इसलिए भी जरुरी है, क्योंकि वे नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख हैं। ऐसे में अगर उनके पूरे बयान को देखें, तो उन्होंने कहा है कि ताजा हालात को लेकर एडवाइज़री जारी की गई हैं। इसके साथ ही अगर पाबंदियों की बात करें, तो यदि सख्त पाबंदियों की ज़रूरत पड़ती हैं, तो हमेशा ऑप्शन पर चर्चा होती है। ऐसे में जिन फैसलों की ज़रूरत पड़ेगी, उन्हें लिया जाएगा।
जिसके चलते बुधवार को नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि राज्य सरकारों को पहले ही स्थानीय स्थिति के आधार पर, 10 फीसदी से अधिक पॉजिटिविटी रेट के आधार पर जिलावार पाबंदियां लगाने की सलाह दी गई है।
दूसरी तरफ देश में संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर ऐसे समय में चर्चा हो रही है, जब कई राज्य अपने यहां पहले ही लॉकडाउन, कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन जैसे कदम उठा चुके हैं। बता दें, ये पाबंदियां जहां ज्यादा मामले जैसे महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राज्यों में लागू की गई हैं।
जानकारी देते हुए बता दें कि भारत में जब से कोरोना की दूसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू किया है, ऐसे में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हल्कों के साथ-साथ विशेषज्ञों की तरफ से भी नेशनल लॉकडाउन को लेकर आवाज़ आनी शुरू हुई है। वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी संपूर्ण लॉकडाउन की मांग कर चुके हैं।
इस बारे में अमेरिका के टॉप हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. एंटनी फाउची भी कह चुके हैं कि भारत को मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए अपनी तमाम ताकत को झोंक देना होगा। अगर लॉकडाउन लगा जाता है, तो वह ट्रांसमिशन की रफ्तार को रोकेगा, ऐसे समय में सरकार को अपनी पूरी तैयारी करनी चाहिए।