New Delhi/Atulya Loktantra : पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार तीनों सेनाओं को लगातार सक्रिय और ज्यादा मजबूत बनाने में लगी हुई है. अब एक खुशखबरी ये आ रही है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को नया एयर डिफेंस कमांड बनाया जा सकता है. यह घोषणा अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में 8 तारीख को की जा सकती है. 8 अक्टूबर को एयर फोर्स डे यानी वायुसेना दिवस है.
प्रयागराज एयर डिफेंस कमांड को इंडियन एयरफोर्स के सेंट्रल कमांड के साथ जोड़ा जा सकता है. अभी तक सेंट्रल कमांड में आगरा, ग्वालियर और बरेली एयरबेस आते हैं. यह कमांड बनाने का मकसद है तीनों सैन्य बलों में एक सामंजस्य बिठाना. साथ ही, देश के बड़े वायुक्षेत्र को सुरक्षित करना. डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने सशस्त्र बलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है. वायु सेना अधिकारी के निर्देशन में कमांड की संरचना तैयार करने के लिए काम तेज कर दिया गया है. इसका नेतृत्व भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल करेंगे.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में घोषणा की थी कि नई एयर डिफेंस कमांड तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण के लिए लंबी प्रक्रिया के हिस्से के रूप में स्थापित होने वाली पहली नई संयुक्त कमान होगी. भारत में अब तक केवल दो थियेटर कमांड हैं, जबकि 17 एकल-सेवा कमांड (सेना 7, IAF 7 और नौसेना 3) के रूप में हैं. अक्टूबर 2001 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहला और एकमात्र “भौगोलिक” कमांड स्थापित किया गया था.
देश के परमाणु शस्त्रागार को संभालने के लिए “कार्यात्मक” सामरिक बल कमान जनवरी 2003 में अस्तित्व में आया था. इस संबंध में आईएएफ के वाइस चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने एक अध्ययन किया था जिसमें तीनों सेवाओं की परिसंपत्तियों के साथ प्रस्तावित कमांड की संरचना का भी सुझाव दिया गया है. सैन्य मामलों के विभाग ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के तहत थिएटर कमांड के साथ संयुक्त सैन्य कमांड बनाने के लिए आदेश दिया था.
इसके अलावा सीडीएस संयुक्त समुद्री कमांड के निर्माण पर भी काम कर रहे हैं. इसकी स्थापना केरल के कोच्चि या करवार में हो सकती है. प्रत्येक सेना का अपना खुद का एयर डिफेंस सेट-अप है. एयर डिफेंस कमांड, वायु सेना, थल सेना और नौसेना को एकीकृत करेगा. संयुक्त रूप से देश के वायुक्षेत्र की सुरक्षा करेगा.