हमारा देश आज भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। आज इस कोरोना महामारी में हम खुद को कितना असहाय महसूस कर रहे हैं यह अपने आप में उदाहरण है हमारे पास लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं बचा है क्योंकि जहां हमारे पास अच्छे चिकित्सकों की कमी है वहीं हमारे पास स्वास्थ्य उपकरणों का भी अभाव है । हालाँकि इस महामारी से दुनिया के बड़े , व हर तरह से एडवांस देश भी नहीं बच पाए हैं। जैसे तैसे हम अभी उतने गम्भीर हालत में नहीं पहुंचे हैं यह राहत की बात है परमात्मा हमें इस मुसीबत से पार लगा देगा हम ऐसी उम्मीद करते हैं। बहरहाल हम बात करते हैं प्रधानमंत्री ज न औषधि योजना की जो हमारे देश के गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की किरण हैं। यहां की आवाम अधिकतर गरीब है और बीमार होने पर दवा का खर्च नहीं उठा पाती है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि साधारण दवाओं के दाम भी बहुत ऊंचे होते हैं।
देसी विदेशी दवा कंपनियां मरीजों को लूटकर अपनी जेब भरती हैं। हमारे देश में ऐसे हजारों लोग हैं जो इलाज के नाम से डर जाते हैं क्योंकि डॉक्टर उन्हें महंगी दवाइयां लिखकर उनकी जेब खाली कर देते हैं। इसलिए भारत सरकार ने पिछड़े गरीब वर्ग के वंचित लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना शुरू की गई है ।
वर्तमान केंद्र सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 2019 तक देश में 5000 जन औषधि स्टोर खोलने का लक्ष्य रखा है। 4300 स्टोर खोले जा चुके हैं। इस योजना के तहत जो लोग जन औषधि केंद्र खोलते हैं वे 25 हजार रूपये महीना के सकते हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का आरम्भ :
इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को शुरू किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और सामान्य वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के लाभ इस प्रकार हैं ।
देश में प्राइवेट कंपनियां जेनेरिक दवाओं (Generic medicine) को ऊँचे रेट पर बेचती हैं जिससे साधारण वर्ग (आम आदमी) की जेब खाली हो जाती हैं, जबकि इन दवाइयों की कीमत बहुत कम होती है। कंपनियां मार्केटिंग ,पैकेजिंग जैसे बहाने बनाकर इन दवाओं की ऊंची कीमत वसूलती हैं। इसलिए सरकार ने यह योजना आम आदमी की मदद के लिए बनाई है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर सरकार द्वारा जेनेरिक दवाये (Generic medicine) बेची जाएंगी।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा की कम दाम पर दवाएं मिल सकेंगी। बाजार में उपलब्ध जेनेरिक मेडिसिन दवाओं की तुलना में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर दबाएं 60 से 70% कम कीमत पर मिलेंगे जिससे गरीब और साधारण वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत देश की जनता को जेनेरिक दवाओं के बारे में बताया जाएगा, जन औषधि केंद्र खोला जाएगा। इन केंद्रों का प्रचार होगा, सही उम्मीदवार का चुनाव किया जाएगा और इन केंद्रों का संचालन सही तरह से करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है। इस योजना से बड़ी मात्रा में रोजगार सृजन भी होगा। बेरोजगार लोग जऔषधिन केंद्र खोलकर रोजगार पा सकते हैं।
(लेखक एक वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक चिंतक हैं)