New Delhi/Atulya Loktantra : नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित छह दिवसीय भारत पर्व – 2020 में राजस्थान के बावर्चियों ने देशी व्यंजनों का तड़का लगा उपस्थित दर्शकों राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर सिखाए। राजस्थान के बाबूलाल राईका शेफ के शागिर्दों द्वारा लाल किला प्रांगण पर अपने ठेठ ग्रामीण व देशी अंदाज में प्रदेश की तीन विशेष ’डिशेज’ दाल-बाटी-चूरमा और मूंग की दाल का चीला बनाने का सजीव प्रदर्शन किया ।
भारत पर्व में स्थापित किये गए किचन स्टुडियो में अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों का लाइव किचन डेमोस्ट्रेशन करवाया जा रहा हैं। इस कड़ी में राजस्थान की तीन विशेष डिशेज दाल-बाटी-चूरमा और मूंग की दाल का चीला बनाने का सजीव प्रदर्शन किया और उनकी रेसिपी भी विस्तार से बताई ।
राजस्थान के इन खानसामों ने अपने देशी व ग्रामीण अंदाज में दाल-बाटी-चूरमा और मूंग की दाल का चीला बनाने की पूरी विधि का रोचक अंदाज में दर्शाते हुए कहा कि राजस्थान में मशहूर तीज व त्यौहार के साथ ही मौसम व ऋतुओं और आंचलिक परिवेश के अनुसार अपने खास व्यंजन बनाये जाते है तथा रेगिस्तानी प्रधान प्रदेश होने से यहाँ के खान-पान का अपना एक अलग ही जायका है। राजस्थान का जीमण देश-विदेश में खासा लोकप्रिय हैं।
इस मौके पर राजस्थान पर्यटक स्वागत केंद्र, नई दिल्ली की अतिरिक्त निदेशक डॉ. गुणजीत कौर और सहायक निदेशक सुमिता मीना ने बताया कि राजस्थान में अनेक प्रकार के व्यंजन एवं पकवान बनाये जाते हैं तथा राजस्थान का जीमण देश-विदेश में खासा लोकप्रिय हैं। उन्होंने बताया कि फूड इंडस्ट्री में राजस्थान का नाम सबसे ऊपर आता है और यहां के फूड उद्यमियों ने अपने इस कौशल व हुनर से काफी नाम भी कमाया है ।
उपस्थित दर्शकों ने किचन स्टुडियो में राजस्थान के बावर्चियों द्वारा बनाये गये दाल-बाटी-चूरमा और मूंग की दाल का चीला का स्वाद चखा और राजस्थानी जायके की भूरी-भूरी प्रशंसा की ।