Madhya Pardesh Atylya Loktantra :मध्य प्रदेश का पिछले करीब 15 दिन से जारी सियासी नाटक थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल का अभिभाषण हुआ तो उसके तुरंत बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. अब ये लड़ाई देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है, भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत परीक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है.
मध्य प्रदेश का सियासी मामला, शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षण पर दाखिल की याचिक
सोमवार को सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. बीजेपी लगातार मांग कर रही थी कि सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवराज चौहान ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दी.
शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षण की याचिक
हालांकि, रजिस्ट्रार की ओर से कहा गया है कि याचिका में कुछ खामियां हैं, अगर ये दूर होती हैं तो कल ही इसपर सुनवाई हो सकती है. बीजेपी की ओर से मांग की गई है कि अदालत कमलनाथ सरकार को 24 घंटे में बहुमत परीक्षण कराने के आदेश दे. शिवराज सरकार के दौरान मध्य प्रदेश के स्टैंडिंग काउंसल रहे वकील सौरभ शुक्ला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को दायर किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में कोरोना वायरस की वजह से सिर्फ अहम मामलों की सुनवाई की जा रही है. अब बीजेपी की ओर से मध्य प्रदेश के सियासी मामले को सुप्रीम कोर्ट के आगे मेंशन किया जाएगा, इसी के बाद तय होगा कि अदालत कब इस याचिका पर सुनवाई करती है.
कोरोना के कारण विधानसभा की कार्यवाही रद्द
कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार का दिन काफी अहम था, राज्य में मची सियासी हलचल के बीच सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. लेकिन राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के तुरंत बाद स्पीकर की ओर से विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी के साथ जाने के बाद 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था. इसी के बाद कमलनाथ सरकार पर बहुमत साबित करने का संकट है. मौजूदा वक्त में कांग्रेस गठबंधन के पास मात्र 99 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास अपने 107 MLA हैं.