•बेटी को बिना किसी भेदभाव के दे समान शिक्षा: रेनू भाटिया
पलवल (अतुल्य लोकतंत्र ): मुकेश बघेल/ हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा महिला सशक्तिकरण के विषय पर नागरिक अस्पताल पलवल व बस अड्डा पलवल में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। नुक्कड़ नाटक का आयोजन हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर नगराधीश द्विजा, जिला सिविल सर्जन डा. लोकवीर, वरिष्ठï चिकित्सा अधिकारी अजय माम, उप सिविल सर्जन दंत सर्जन डॉ रामेश्वरी, उप सिविल सर्जन डा. सुरेश सहित अन्य चिकित्सक एनजीओ अल्पना मित्तल से मौजूद थी।
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि यह नुक्कड नाटक एनसीडब्ल्यूसी द्वारा प्राप्त कार्यक्रम को कई जिलो में जाकर विशेषकर ग्रामीण आंचल से लगते सरकारी अस्पतालों के प्रांगण में इन नाटकों का आयोजन कर वहां के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी दोनों को समान शिक्षा देनी चाहिए इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नही होना चाहिए। राष्टï्रीय महिला आयोग ने यह बीडा उठाया है पूरे देश में एनसीडब्ल्यूसी के माध्यम से हर प्रदेश के जिले में महिला सशक्तिकरण के इस संदेश का उद्देश्य है कि अपनी बेटियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं की हरियाणा से शुरूआत हुई हरियाणा का हर जिला इसमें कामयाब होना चाहिए इस सोच के साथ हम आगे बढ़े यह रहना चाहिए। उन्होंने जिला सिविल सर्जन से जिले में बेटियों की जन्म दर की जानकारी ली तो सिविल सर्जन ने बताया कि पहले यह जिला सातवे-आठवे स्थान पर था लेकिन जिला चौथे स्थान पर है। बेटियों की जन्म दर में वृद्घि होने पर उन्होंने जिला सिविल सर्जन व उनकी पूरी टीम को को बधाई दी कि उनके क्षेत्र में वृद्घि हुई और आशा व्यक्त की कि यह जिला नम्बर वन आए।
महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम करते है। अभी हमारे पास एक कार्यक्रम है जिसमें अलग से डिसएबल महिलाओं के लिए रोहतक में कार्यक्रम रखा है। इसी तरह से वोमन एण्ड स्पोर्टस को लेकर कार्यक्रम रखा है हर जिलें में महिला और पंचायत आदि विषयों पर जागरूकता उत्पन्न करने कार्यक्रम करना है।
डॉ लोकवीर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ही समाज को एक नई दिशा प्रदान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सार्थक कदम उठाए जा रहे है। बेटिया समाज मे किसी समस्या को पुरुषों से बेहतर ढ़ंग से निपट सकती है। अच्छे पारिवारिक योजना से वो देश और परिवार की आर्थिक स्थिति का प्रबंधन करने में पूरी तरह से सक्षम है ।
पहला नुक्कड़ नाटक नागरिक अस्पताल पलवल तथा दूसरा बस अड्डा पलवल में आयोजित किया गया। जिसमें दिल्ली से आए कलाकारों द्वारा बेटियों की पढ़ाई को लेकर नाटक प्रस्तुत किया गया। नाटक का उद्देश्य समाज बेटियों को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाया जाए, जिससे समाज में इस दरार को भरा जा सके। नुक्कड नाटक के द्वारा किशोरों ने लोगों को सन्देश दिया कि महिलाओ को आत्मरक्षा करना आना बेहद्द जरूरी है। नाटक में बताया गया कि नारी का भी पुरुषों के समान समाज में बराबरी का अधिकार है बस जरूरत है मानसिकता बदलने की।