पलवल (अतुल्य लोकतंत्र ): उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि जमीनी स्तर पर नवाचारों के लिए एचबीएनसीआरआईआईए प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात ग्रासरूट इनोवेशन ऑग्मेंटेशन नेटवर्क (जीआईएएन) की स्थापना 1997 में विश्व के पहले जमीनी स्तर पर नवाचार इनक्यूबेटर के रूप में गुजरात सरकार, सृष्टिï तथा आई.आई.एम.ए. की सहायता से की गई थी। गुजरात ग्रासरूट इनोवेशन ऑग्मेंटेशन नेटवर्क जमीनी स्तर पर नवाचारों को बढ़ाकर उन्हें सफल उद्यमों में बदलने में मदद करते हैं। यह इनोवेटर्स को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों, बाजार शोधकर्ताओं, डिजाइन संस्थानों और फंडिंग संगठनों के साथ पर्याप्त जुड़ाव प्रदान करते हैं।
उन्होंने बताया कि लोगों और समुदायों के रचनात्मक विचारों और नवाचारों को बढ़ाने और उनका समर्थन करने के लिए गुजरात ग्रासरूट इनोवेशन ऑग्मेंटेशन नेटवर्क ने हाल ही में एचबीएन सीआरआईआईए नवाचार पुरस्कार की स्थापना की है, जो घरदा फाउंडेशन यूएनडीपी एक्सेलेरेटर लैब नेटवर्क, सृष्टिï, सेवा, पल्लेसृजना, अमा अक्खा पक्खा, पीरमेड विकास सोसायटी व और अन्य हनी-बी नेटवर्क संस्थान के सहयोग से शुरू किया गया है। हनी-बी नेटवर्क क्रिएटिविटी एंड इनक्लूसिव इनोवेशन अवार्ड सभी आयु वर्ग के रचनात्मक लोगों से प्रविष्टियां आमंत्रित कर रहा है, जिन्होंने कोई नवाचार किया है या एक रचनात्मक और अभिनव विचार या पारंपरिक ज्ञान अभ्यास किया है। उपायुक्त ने बताया कि नवाचारों से लोगों विशेषकर जमीनी समुदायों के सामने आने वाली दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी। वाचार पर्यावरण, घरेलू उपयोगिता, औद्योगिक-तकनीकी समाधान, नवीन इंजीनियरिंग या कृषि परियोजनाओं आदि के बारे में किसी से भी संबंधित हो सकता है। सामाजिक अनुप्रयोग के किसी भी क्षेत्र में [email protected] पर जितनी चाहें उतनी प्रविष्टियां भेज सकते हैं। पुरस्कार का उद्देश्य दुनिया भर में अद्वितीय नवाचारों को पहचानना है। चयनित लोगों को उनके सपनों को साकार करने में मदद करने के लिए इनक्यूबेशन सपोर्ट दिया जाएगा। यह हमारे समाज के औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में नवीनता और रचनात्मकता दिखाने का एक मंच है। इसके लिए समय सीमा 31 अगस्त 2022 तक बढ़ाई गई है। उसके बाद प्राप्त प्रविष्टियों को अगले वर्ष के पुरस्कारों में शामिल किया जाएगा।
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होटल या रेस्तरां भोजन बिल में स्वचालित रूप से या डिफाल्ट रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे : उपायुक्त कृष्ण कुमार
-केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 में किया प्रावधान
-हिदायतों की उल्लंघना करने पर संबंधित के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही
पलवल, 27 जुलाई। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने हाल ही में होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क लगाने के संबंध में अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 की धारा के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह हिदायतें गत 04 जुलाई 2022 को जारी करते ही लागू की गई।
उन्होंने बताया कि जारी अधिनियम के अनुसार होटल या रेस्तरां भोजन बिल में स्वचालित रूप से या डिफाल्ट रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे। सेवा शुल्क के रूप में अन्य किसी नाम से कोई संग्रह नहीं किया जाएगा। कोई भी होटल या रेस्तरां किसी उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करेगा और उपभोक्ता को स्पष्ट रूप से सूचित करेगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर है। सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर सेवाओं के प्रवेश या प्रावधान पर कोई प्रतिबंध उपभोक्ताओं पर नहीं लगाया जाएगा। सेवा शुल्क को खाद्य बिल के साथ जोडक़र और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जाएगा।
जारी किए गए दिशा-निर्देशों में वे कार्रवाइयां शामिल हैं जो उपभोक्ता होटल / रेस्तरां द्वारा दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में कर सकते हैं, जिसमें उपायुक्त को जांच के लिए शिकायत जमा करना और बाद में सीसीपीए द्वारा कार्यवाही करना शामिल है। अधिनियम की धारा-17 के तहत उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन या अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित शिकायत जो एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है, लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड में उपायुक्त को अग्रेषित की जा सकती है। इसके अलावा अधिनियम की धारा-16 के तहत शिकायत पर या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा दिए गए संदर्भ पर उपायुक्त अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में शिकायतों की जांच कर सकते है और अपनी रिपोर्ट सीसीपीए को प्रस्तुत कर सकते है। चूंकि सीसीपीए द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन में सेवा शुल्क लगाना अनुचित व्यापार व्यवहार माना गया है और एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रभावित करता है, ऐसी शिकायत का संज्ञान प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए। उपायुक्त ऐसी शिकायत के आधार पर दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर जांच कर सकते है और शिकायत प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सीसीपीए को प्रस्तुत कर सकता है। जांच रिपोर्ट सीसीपीए को ई-मेल द्वारा [email protected] पर भेजी जा सकती है। उन्होंने बताया कि अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम और सेवा शुल्क लगाने के संबंध में उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर उपभोक्ताओं द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली शिकायतों पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।