पलवल (अतुल्य लोकतंत्र): मुकेश बघेल/ आजादी के 75वें अमृत महोत्सव की श्रृंखला में मंगलवार को खंड पलवल के गांव चांदपुर, धतीर व हसनपुर के गांव रामगढ, सहनौली में आत्मा स्कीम के तहत किसान प्रशिक्षण शिविर लगाए गए। इन प्रशिक्षण शिविरो में किसानों को उन्नत कृषि क्रियाएं अपनाने के लिए प्रेरित किया गया व विभाग की विभिन्न स्कीमों की जानकारी प्रदान की गई। इन शिविरों का आयोजन आगामी 27 मई 2022 तक जिला के सभी खंडों में किया जाएगा।
उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि जल सरंक्षण को ध्यान में रखते हुए मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत धान की फसल के स्थान पर दलहनी फसलों जैसे-अरहर, मूंग मौठ, उर्द, सोयाबीन व ग्वार और तिलहनी फसलों जैसे-मूंगफली, तिल, अरंडी व चारे वाली फसलें तथा सब्जियों की फसल लगाने पर किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसमें पलवल जिले का लक्ष्य 700 एकड़ का है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत आवेदन करने के लिए 30 जून 2022 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि कृषि विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान धान की बिजाई की जगह दलहनी, चारे वाली फसले व सब्जियां लगाए। शिविर में किसानों को जागरूक किया गया कि वे धान की फसल की जगह मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के तहत आने वाली फसलों का लाभ अवश्य उठाए। इस मौके पर फसलों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों के बारें में भी बताया गया।
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गांव फिरोजपुर राजपूत में अनाधिकृत रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने के कार्य के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त : जिलाधीश कृष्ण कुमार
पलवल, 17 मई। जिलाधीश कृष्ण कुमार ने दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-22(।) और 23(॥) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 18 मई 2022 को हथीन के गांव फिरोजपुर राजपूत में सरकारी जमीन पर अनाधिकृत रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने के कार्य के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी होडल एवं हथीन नरेश कुमार शर्मा को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।
जिलाधीश द्वारा जारी आदेशानुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता 1973 द्वारा उसमें निहित कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करेगा। सभी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित भूमि और उपरोक्त कार्यवाही पर किसी भी न्यायालय से कोई स्टे/यथास्थिति आदि नहीं है और कार्य नियमों के अनुसार है। ओदशों के तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अनुसार धूल नियंत्रण के प्रावधानों और इस संबंध में सीपीसीबी के विभिन्न दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।