Faridabad/Atulya Loktantra : हरियाणा सरकार 2020 तक सभी विभागों के कार्य करने को पेपरलेस करने के प्रयास कर रही है और सभी विभागों के पोर्टल शुरू करने के प्रयास में है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी इसके कोई आसार देखने को नहीं मिल रहे है। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल बादशाह खान डिजिटल सुविधाओं से बिलकुल वंचित है। प्रधानमंत्री के इतने प्रचार- प्रसार के बावजूद भी डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शायद सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में नहीं पहुंच पाई है। बादशाह खान अस्पताल में डिजिटल पेमेंट करने की कोई सुविधा नहीं है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके पास डिजिटल पेमेंट के लिए ना कोई सुविधा है न ही कोई यंत्र।
ऑनलाइन प्रक्रिया से कोसो दूर बीके
भारत सरकार के प्रधानमंत्री छह साल पहले डिजिटल इंडिया का नारा दे चुके है, और हर नागरिक के जेब से नकदी निकलवाकर बैंक के खातों में डलवा चुके है तथा राशि भुगतान के लिए एटीएम कार्ड माध्यम बना दिया है। लेकिन बादशाह खान अस्पताल में अभी भी भुगतान नकद राशि से हो रहा है। अगर कोई मरीज कैश न होने पर कार्ड से भुगतान करना चाहता है तो कार्यरत कर्मचारी असुविधा बताकर कैश की मांग कर देते है, जिससे मरीजों को लम्बी कतारों में घंटो लाइन में रहन पड़ता है। इतना ही नहीं बीके अस्पताल में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की भी कोई सुविधा नहीं है, लोगों को अस्पताल में जाकर ही लम्बी लाइन में रहकर इलाज कराना पड़ता है। कई मरीजों का तो नंबर ही एक हफ्ते बाद आता है।
कैसे होगा धरातल स्तर पर डिजिटल सुविधा का क्रियान्वन्त
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा कई महकमों को डिजिटल से जोड़ना चाहते है लेकिन अभी भी सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में डिजिटलीकरण की कोई सुविधा नहीं है। अब देखना यह है कि सरकार 2020 तक सभी विभागों को पेपैरलेस करने के लिए क्या करती है।