Surajkund Fest, Faridabad/Atulya Loktantra : दूध जलेबी का खाना हमारी हरियाणी सभ्यता व परपंरा का प्रतीक है। पुराने समय में विशेष आयोजन, शादी समारोह में जलेबी का बहुत पसंद किया जाता था। आधुनिक बाजार का दायरा बढऩे के बावजूद आज भी दूध जलेबी के स्वाद की बात कुछ और है।
शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र शादी समारोह के अलावा अन्य आयोजन में भी दूध जलेबी का विशेष तौर पर बनवाया जाता है और दूध जलेबी गोहाना की हो तो क्या कहने। 34वें सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में पर्यटकों को गोहाना की जलेबी दूूध का जायका बहुत पसंद आ रहा है। मेले में मस्ती व खरदारी करने के दौरान हुई थकान के बाद गोहाना की जलेबी दूध का मजा ही कुछ और है। गोहाना की मशहूर जलेगी की स्टाल पर दिनभर लगी पर्यटकों की भीड़ जलेबी व दूध की उत्तमता व स्वाद की गारंटी देता है।
फरीदाबाद के संजय कुमार, अनिल, मनोज, देवेंद्र व सुरेंद्र ने गरमागरम जलेबी व दूध का आनंद उठाते हुए बताया कि आमतौर सभी जगह जलेबी मिलती है पर इतनी बड़ी, करारी व स्वादिष्टï जलेबी हमने पहली बार खाई है और इसका स्वाद वाकय ही बहुत शानदार है। स्टाल के मालिक बताते है गोहाना की जलेबी पूरे देश में मशहूर है और जायके को विशेष बनाने के लिए गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते।