Faridabad/AtulyaLoktantra : कला से जुड़ाव और उसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है उसी श्रृंखला में काला की विभिन्न विधाओं में कई संगठन पूरे देश मे कार्य कर रहे हैं । संगीत विधा में कहा गया है कि ध्वनि प्रधान एवं भारतीय संगीत का अभिन्न अंग हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत है जिसकी तुलना अर्थ और शब्द के रूप में व्यक्ति को प्रभावित नही करती बल्कि ध्वनि के उतार चढ़ाव के द्वारा भावनाओं को प्रभावित करती है ।
इसी कलाविधा को ध्यान में रखते हुए फरीदाबाद शहर में तीन दिवसीय कार्यशाला पद्मश्री विदुषी सुमित्रा गुहा जी के मार्गदर्शन में सुमधुर हंसध्वनि ट्रस्ट एवं संस्कार भारती फरीदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में प्रेरणा धाम सेक्टर 15 फरीदाबाद में आयोजित की गयी जिसकी छोटे बच्चों से लेकर 50 वर्ष तक के कलाप्रेमियों और कला साधकों ने प्रतिभाग किया जिसमे राग भूपाली , राग पूरिया धनश्री और भजन सिखाया गया ।
तीन दिन की इस कार्यशाला का समारोप एक खूबसूरत शाम ‘शास्त्रीय संगीत समारोह’ के रूप में आयोजित हुई जिसमें कार्यशाला में प्रतिभागी बच्चों द्वारा समारोह में राग पूरिया धनश्री संयुक्त रूप में प्रस्तुत किया गया, इसके अतिरिक्त पुणे से पधारे गुरु पंडित आनिंदो चटर्जी के शिष्य समीर सूर्यवंशी द्वारा एकल तबला वादन और बंगाल से पधारी प्रोफेसर डॉ बासवी मुखर्जी जी द्वारा शास्त्रीय गायन की खूबसूरत प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती हरियाणा प्रान्त कोषाध्यक्ष उदितेन्दु वर्मा ‘निश्चल’ के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम की समस्त प्रस्तुतियों को फरीदाबाद के आये संगीत के क्षेत्र के गणमान्य कला प्रेमियों ने खूब सराहा । कार्यक्रम में संस्कार भारती के प्रांत सह महामंत्री अभिषेक गुप्ता जी सहित , जिला संयोजक कमांडो समोद सिंह चरौरा जी , स्वदेश जी , ऋचा जी एवं डॉ अंजू मुंजाल जी सहित संगीत के क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे । संगीत के क्षेत्र की इस अद्भुत गुरुमुखी शिक्षा के प्रयास के लिए पद्मश्री दीदी सुमित्रा गुहा , सुमन चटर्जी , रूबी चटर्जी , सागर , अंकित कौल, सुमित मिश्र सहित समस्त आयोजक मंडल को धन्यबाद ज्ञापित कर वंदेमातरम के उपरांत समारोह का समापन किया गया ।