फरीदाबाद, 31 जनवरी। एक फरवरी को केंद्र सरकार आम बजट पेश करने जा रही है। इस बजट से जहाँ आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग भी आम बजट से काफी आस लगाए बैठे है। डॉक्टर वर्ग ने स्वास्थ्य सेवाओं में गरीब लोगों को अधिक सुविधाएं देने की मांग की है। डॉक्टरों का कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत गरीब लोगों को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये की राशि की जानी चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी। वहीं, सरकारी अस्पतालों में दवाई और ऑपरेशन की सुविधा में इजाफा करना चाहिए। नीलम चौक स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि यदि देश में स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी होंगी तो आम जनता को और अधिक सुविधाएं मिल सकेगी। इसलिए सरकार को एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में मेडिकल में अधिक से अधिक छूट देने का प्रावधान किया जाना चाहिए। यदि छूट का प्रावधान होगा तो लोगों को इलाज कराने में अधिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित लोगों से आम बजट को लेकर भी काफी उम्मीदें है। निजी अस्पतालों में भी सरकार को आयुष्मान योजना के तहत बजट को बढ़ाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। यदि इस योजना के तहत बजट में जितनी अधिक बढ़ोतरी होगी तो उतना आसानी से ही गरीब लोग इलाज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में तो अस्पताल सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टरों में हैं। लेकिन मझोले और छोटे शहरों में प्राइवेट सेक्टर को अस्पतालों में निवेश करने के लिए इंडस्ट्री को लुभाना होगा। बजट में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर और फोकस करना होगा। देश के अंदर अस्पतालों में इलाज का मॉडल पूरी तरह प्राइवेट सेक्टर पर निर्भर हो रहा है, जो बेहद महंगा भी साबित होता है। इसलिए सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करना होगा। जिससे लोगों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।