Faridabad/Atulya Loktantra : एनआईटी का 1 नंबर डी BLOCK कोरोना के फेर में फंसने के बाद भी प्रशासन वहां खुलने वाली दुकानों को लेकर गंभीर नहीं है। इस ब्लॉक में अभी तक पांच कोरोना पॉजीटिव सामने आ चुके हैं। जिन घरों से यह केस आए हैं, वह १नंबर मार्केट का बड़ा हिस्सा है, इसके बावजूद प्रशासन इस इलाके को ना तो कंटेनमेंट जोन घोषित कर रहा है और ना ही वहां खुलने वाली दुकानों की वजह से बढ़ रही भीड़ को लेकर सतर्क है। एनआईटी नंबर 1 की मार्केट में सरदार मुखीसिंह की हॉजरी शॉप के पास के मकानों से कोरोना केस सामने आए हैं। लेकिन इस तरफ की मार्केट पूरी तरह से खुली हुई है, जहां दिन भर लोगों की भारी भीड़ खरीददारी करने के लिए उमड़ती है।
इस तरफ रिहायशी इलाके में रहने वाले लोग दिनभर बढ़ रही भीड़ को लेकर खासे परेशान हैं। उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है। इलेकिट्रक सामान बेचने वालों की दुकानें कहने को तो बंद हैं, मगर वो दुकानदार रिहायशी इलाकों में बने अपने गोदामों से खूब बिक्री कर रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि इन गोदामों में एक दूसरे के ऊपर चढक़र सामान खरीदने वालों की भीड़ को देख लिया जाए तो दांतों तले उंगली दबाने के लिए लोग मजबूर हो जाएंगे। इनमें किसी को भी कोरोना का डर दिखाई नहीं देगा। एक नंबर एनआईटी के इस इलाके को ना तो सील किया गया है और ना ही वहां पुलिस व प्रशासन ने किसी प्रकार की रोक लगा रखी है।
वहीं दुकानदारों का कहना है कि सीलिंग की कार्रवाई को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली उनकी समझ से बाहर है। जिस इलाके को सील करना चाहिए, वह पूरी तरह से खुला हुआ है और जहां खुला हुआ होना चाहिए, उसे बंद कर दिया गया है। उनके अनुसार डी बलाक में स्थित हॉजरी शॉप की तरफ के मकानों में यह केस मिले हैं, नियम अनुसार उस तरफ ही सीलिंग या फिर रोकथाम के उपाय किए जाने चाहिएं। लेकिन बाजार बंद किया गया है मार्केट की तरफ से। गुरूद्वारे से लेकर एक व दो नंबर चौक तक पूरी मार्केट को बंद किया गया है। जिससे शायद ही कोई फर्क पड़े और जो इलाका बंद होना चाहिए, उसे खुला छोड़ दिया गया है। मार्केट के दुकानदारों की मांग है कि प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को दोबारा से इस पर विचार कर सही तरीके से सीलिंग की कार्रवाई करनी चाहिए।