शहर के अलग-अलग हिस्सों में ग्रीन बेल्ट पर बने पेट्रोल पंप व अन्य निर्माणों के बारे में एनजीटी ने नगर निगम से रिपोर्ट मांगी है। यह मामला कई साल से चल रहा है। अब निगम का प्लानिंग ब्रांच शहर का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है। जिससे एनजीटी को रिप्लाई फाइल की जा सके। नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की लापरवाही से शहर के अधिकांश इलाकों में ग्रीन बेल्ट पर कब्जा है।
रेहड़ी-पटरी वाले कब्जा कर अपना कारोबार कर रहे हैं। इससे ग्रीन बेल्ट को नुकसान हो रहा है। शहर के किसी भी हिस्से में ऐसा नजारा देखा जा सकता है। कई जगह तो ग्रीन बेल्ट पर पेट्रोल पंप और शराब के ठेके बने हुए हैं। इसको लेकर कई बार पर्यावरणविद् भी नगर निगम और सरकार को शिकायत भेज चुके है। ताकि ग्रीन बेल्ट को मुक्त कराया जा सके। लेकिन आज तक उसे मुक्त नहीं कराया जा सका।
हरियाली हो रही खत्म, पर्यावरण हो रहा दूषित
पर्यावरणविद् संजय आर्य का कहना है कि अधिकतर ग्रीन बेल्ट पर कब्जा होने से हरियाली खत्म हो रही है। नगर निगम के ग्रीन बेल्ट पर ढाबे और रेहड़ी वालों का कब्जा है। ऐसे में हरियाली खत्म होती जा रही है। यही कारण है कि शहर की दिनों दिन प्रदूषण के मामले में स्थिति खराब होती जा रही ह। मामला एनजीटी में होने से निगम से रिपोर्ट तलब की गई है।