फरीदाबाद, 10 जून। कोरोना महामारी में भीषण गर्मी किडनी रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों को दोहरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। यह कहना है सेक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र कुमार का। उन्होंने मरीजों को जागरुक करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण में फेफड़ों के बाद सबसे बड़ा दुष्प्रभाव किडनी पर ही देखा जा रहा है। वहीं गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी होने के चलते किडनी पर अतिरिक्त भार आ जाता है। इससे किडनी संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसलिए सतर्क रहें। कोई भी दिक्कत होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।
वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि गर्मी का सितम लगातार बढ़ता जा रहा है। घर हो चाहे बाहर हर जगह लोग परेशान है। उन्होंने कहा कि कोरोना में करीब 40 से 50 प्रतिशत मरीजों के यूरिन में प्रोटीन के लक्षण देखे गए हैं और 10 प्रतिशत केस में किडनी की कमजोरी देखी गई है। ऐसा भी देखा गया है कि जिनकी किडनी पहले से कमजोर थी। उसमें कोरोना और भयावक रूप ले लेता है। किडनी की कमजोरी भी कोरोना के कारण बढ़ जाती है। पोस्ट कोविड के बाद हम फंगल इंफेक्शन के बारे में सुन रहे हैं। फंगस के इंफेक्शन के विषाणु के कारण भी किडनी पर बुरा असर पड़ता है, जो ब्लैक फंगस की दवाईयां इनका भी किडनी मरीजों पर बुरा असर देखने को मिला है। इसके अवाला जो ब्लैक फंगस की दवाईयां हैं। इनका भी किडनी पर असर देखने को मिला है। इसके साथ ही कोविड के अन्य लक्षणों में भूख-प्यास का न लगना, कमजोरी होना आम बात है लेकिन गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की मात्रा कम हो गई तो डिहाइड्रेशन की संभावना काफी बढ़ जाती है। अस्पताल में ऐसे अनेक मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। वृद्ध व कमजोर मरीजों में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में इसका लक्षण देखने को मिल रहे है।
बीमारी के लक्षण
पीठ दर्द, मूत्र त्याग के दौरान रक्त आना, ब्लड प्रेशर का कम-ज्यादा होना, शरीर में जहां किडनियां मौजूद हैं, वहां दर्द महसूस होना, मूत्र त्याग के दौरान दर्द व जलन महसूस करना, आंखें, चेहरे, पांव व त्वचा के अन्य हिस्सों में सूजन आना आदि।
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बीमारी से बचाव
किडनी के मरीज डॉक्टर के बताये अनुसार पानी पीएं। अगर घर से बाहर तो ज्यादा पानी लें
– ओआरएस के घोल की जगह नींबू पानी, या शुगर न हो नींबू पानी या शरबत लें सकते हैं।