घाटी में दोबारा से हमलों की आशंका के चलते मज़दूर कश्मीर से पलायन (Kashmir Chodh Kar Ja Rahe Majdoor) को मजबूर हैं। पिछले दो दिनों में राजधानी श्रीनगर सहित कई स्थानों पर आतंकवादियों (aatankwad ke karan) द्वारा 4 प्रवासी श्रमिकों की हत्या(kashmir mein majdoor ki hatya) कर दी गई है। पुलिस ने कई प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया है।
राजस्थान से आए एक प्रवासी मज़दूर ने कश्मीर में डर का बखान करते हुए कहा की-“यहां हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। हम सभी डरे हुए हैं, हमारे साथ महिलाएं वा बच्चे हैं और इसलिए हम अपने घर वापस जाना चाहते हैं।”
निर्भयता से की जा रही हत्याओं
अक्टूबर के पहले सप्ताह से आतंकवादी द्वारा गैर-कश्मीरियों (gair kashmiri majdoor) को मारने की दुखद घटनाएं सामने आ रही हैं। भयावह स्थिति के कारण लोग कश्मीर घाटी छोड़कर जम्मू की ओर बढ़ रहे हैं तथा कश्मीर में प्रवासी के रूप में रहने वाले भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग अब ट्रेनों (Jammu se Bhag Rahe Log) में सवार होकर अपने घर वापस जा रहे हैं, जिसके चलते जम्मू और कश्मीर रेलवे स्टेशन (Jammu Kashmir Railway Station) पर भारी भीड़ जमा हो गयी है। कश्मीर में रहने वाले अधिकतर प्रवासी मज़दूर उत्तर प्रदेश और बिहार से ताल्लुख रखते हैं।
आतंकियों द्वारा बड़ी ही निर्भयता से की जा रही हत्याओं (kashmir mein majdoor ki hatya) के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में अपने सभी जिला प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वह सभी प्रवासी मजदूरों को इकट्ठा करके और उन्हें तुरंत निकटतम सुरक्षा शिविरों में लेकर जाएं।
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार (vijay kumar ips jammu & kashmir) ने प्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारियों को भेजे अपने एक संदेश में कहा कि-“आपके संबंधित अधिकार क्षेत्र के सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को अभी निकटतम पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बल या सेना शिविर में जल्द से जल्द पहुंचाया जाए।”
तथा साथ ही पुलिस महानिरीक्षक ने मामले की गंभीरता से भी अन्य अधिकारियों अवगत कराया।