Faridabad/Atulya Loktantra : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस, इको एंड स्पोर्ट्स क्लब तथा गाइड ने मिलकर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के मार्गनिर्देशन में प्राध्यापिकाओं प्रियंका शर्मा, जसनीत कौर, सोनिया, आशा तथा अमृत कौर ने विभिन्न प्रतियोगिताओं पोस्टर, पेंटिग, पौधरोपण, बर्ड फीडर, कमपोस्ट खाद, निबंध लेखन आदि का आयोजन किया।
प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में 78 बालिकाओं ने भागीदारी की, उन्होंने बताया कि 2020 में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ का मुख्य थीम व विषय ‘जैव-विविधता’ है। जैव-विविधता का अर्थ पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं से जोड़ा जाता है। जैव-विविधता के संदर्भ में 2020 अत्यंत विशेष है। जहां एक ओर वर्ष 2020 को इतिहास में कोरोना महामारी के लिए याद रखा जाएगा, वहीं दूसरी ओर सोशल-मीडिया पर साझा होती जीवों और प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीरें भी 2020 को हमारे मस्तिष्क से कभी उतरने न देंगी। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कोरोना संकट का इस वर्ष जैव-विविधता पर क्या असर पड़ा है।
हम सब अधिक से अधिक पौधे रौपें, हर आंगन, हर घर मे छायादार पौधे लगाएं तथा सड़कों व नदियों और नहरों के किनारों पर पीपल, बरगद व वटवृक्ष आदि के पौधे रौपें। ये पौधें न केवल वायु प्रदूषण समाप्त करेंगे बल्कि पर्याप्त मात्रा में वर्षा लाने में भी सहायक होंगे। सब से सुखद बात यह है कि पौधे हमें सदैव कुछ न कुछ देते है बदले में कुछ भी तो नही लेते। इसलिए समय की पुकार और अपने व आने वाली पीढ़ियों के लिए जब भी मौका मिले पौधा लगाएं, घर में किसी सदस्य का जन्मदिन हो, वैवाहिक वर्षगाँठ हो या कोई खुशी व सफलता मिली हो, पौधा रौपें तो और भी खुशी मिलेगी। इसी प्रकार मुख्य अतिथियों को भी बुके के स्थान पर पौधा ही भेंट करें या पौधा ही उपहार दें।
जूनियर रेड क्रॉस के सदस्यों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। आज की बर्ड फीडर प्रतियोगिता में प्रियंका प्रथम, कोमल चौहान द्वितीय जबकि पेंटिग में अंजलि प्रथम, ताबिंदा दूसरे तथा तनु तीसरे स्थान पर रही। पौधरोपण में खुशी और नीतू प्रथम व द्वितीय तथा कमपोस्ट खाद में पूनम सिंह को प्रथम चुना गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में सिमरन और संध्या को प्रथम व द्वितीय घोषित किया गया। प्राचार्य और सभी अध्यापकों ने बच्चों को अधिकाधिक पौधरोपण कर जैव विविधता बनाए रखने की अपील की।