सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खोरी कॉलोनी में हो रही तोड़फोड़ से परेशान लोगों से मिलने जा रहे भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को क्राइम ब्रांच ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें लेकर सेक्टर 12 ले जाकर डीसी यशपाल यादव से मुलाकात कराई। चढूनी ने उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से कराने की गुजारिश की ताकि प्रभावित लाेगों की समस्या का समाधान किया जा सके। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि खोरी के लोग इंसान हैं। धरती पर ही पैदा हुए हैं और धरती पर ही रहेंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए वह वन विभाग की जमीन अपने अधीन ले ले और उसे प्रभावित लाेगों को दे दे। इससे मकान गिराने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और सरकार पर बोझ भी कम हो जाएगा। जो लोग जहां हैं वहीं बस जाएंगे। करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद पुलिस ने किसान नेता को बार्डर पर ले जाकर छोड़ दिया।
लिखे कानून को लागू कराना ही सुप्रीम कोर्ट का काम
डीसी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान नेता चढूनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला वह होता है जो कानून में लिखा होता है। सुप्रीम कोर्ट को लिखे हुए कानून को लागू करवाना होता है। इसलिए सरकार वन विभाग की जमीन ले सकती है और प्रभावित लोगों को दे भी सकती है। इससे सुप्रीम कोर्ट को कोई ऐतराज नहीं होगा।
बीजेपी को जमकर सुनाई खरी खरी
किसान आंदोलन के नाम पर राजनीति करने के सवाल पर चढूनी ने कहा कि हम राजनीति करें तो पाप। बीजेपी करे तो पुण्य। उन्होंने कहा कि जो लोेग देश को बेच रहे हैं वह धर्मात्मा हैं, वह राजनीति करें। लेकिन जो देश भक्त लोग आंदोलन को बचा रहे हैं उनको ये बीजेपी वाले गुंडे कहते हैं।
देश को बेचने वालों को राजनीति से बाहर होना चाहिए
चढूनी ने कहा कि छह माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनसे बात तक करने का तैयार नहीं है। देश में 65 फीसदी किसान हैं। वह इस देश के मालिक हैं। लेकिन इस सरकार ने किसानों को भिखारी बना दिया है। यही बात राजनीतिक पार्टियां बोलकर किसानों का शोषण करती हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग देश को बेचने वाले हैं उन्हें राजनीति से बाहर होना चाहिए। अन्यथा जनता खुद इन्हें बाहर कर देगी।