Faridabad/Atulya Loktantra : स्वामी विवेकानंद एसोसिएशन (पंजी.) सेक्टर 29 द्वारा शारदोत्सव-2019 का आयोजन हरियाणा काली मंदिर परिसर में गत सायं विधिवत रूप से शुरू हो गया। पहले दिन षष्ठी माता का पूजन किया गया। श्री दुर्गा पूजा उत्सव 8 अक्टूबर तक चलेगा और अंतिम दिन माता की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।
पंडित तरुण भट्टाचार्य ने बताया कि दुर्गा पूजा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दुर्गा पूजा का त्योहार देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच हुए युद्ध के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। कहते हैं कि महिषासुर नाम का एक राक्षस था, जिसने वर्षों तक तपस्या की और भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान मांगा। महिषासुर की भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे कई वरदान दिए और अमरत्व की जगह उन्हें यह वरदान दिया कि उसकी मृत्यु स्त्री के हाथों होगी।
ब्रह्मा जी से यह वरदान पाकर महिषासुर काफी प्रसन्न हो गया और सोचने लगा कि किसी भी स्त्री में इतनी ताकत नहीं है, जो उसके प्राण ले सके।
तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति से देवी दुर्गा को जन्म दिया, जिसके बाद दुर्गा ने राक्षस महिषासुर से युद्ध कर उसका वध किया। तो इस तरह से महिषासुर एक स्त्री के हाथों मारा गया। इसी तरह बुराई पर अच्छाई की जीत हुई। इसके अलावा इस त्योहार को फसल से जोडक़र भी देखा जाता है जो दुर्गा माता के जीवन और सृजन के रूप को भी चिन्हित करता है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर षष्ठी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। उनके मुताबिक 8 अक्तूबर तक महासप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी व विजयदशमी माताओं की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाएगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रणब चक्रवर्ती ने बताया कि श्री लक्ष्मी पूजा उत्सव 13 अक्टूबर को, श्री काली पूजा उत्सव 27 अक्टूबर को तथा श्री जगधात्री पूजा उत्सव 6 नवम्बर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर उपाध्यक्ष अमित सेनगुप्ता, महासचिव शाश्वत चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव नाबा कुमार, कोषाध्यक्ष पलटू सरकार, अरबिन्दो बिश्वास, सुपर्णा भट्टाचार्य, कुमकुमन सेनगुप्ता, सधम घोष, सोमा चक्रवर्ती, डॉली दत्ता, आशिमा घोष, प्रणब चाकी, अनूप दत्तागुप्ता, आशीष डे, गोपाल रॉय, अनन्त साहा, बिजय सरकार, अंशुमन दास विशेष रूप से उपस्थित रहे।