Faridabad/Atulya Loktantra : जिला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कही जिले में तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों पर भारी न पड़ जाए। इसका ताजा उदाहरण बीके सिविल अस्पताल और प्रथम रेफरल यूनिट नंबर में देखने को मिला। जहां सर्वर पर कार्य करने वाले दो कर्मचारियों समेत तीन कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं। किंतु विभाग ने बीके अस्पताल में कोविड-19 की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए मात्र एक घंटे में रूम को सेनेटाइज करवाया और एक्स-रे शुरू करवा दिए। वहीं एफआरयू-दो भी ओपीडी सेवाए चालू रहीं।
बीके सिविल अस्पताल में सर्वर तकनीशियन की कोविड-19 की रिपोर्ट शनिवार देर शाम पॉजिटिव आई है। कोरोना पॉजिटिव कर्मचारी दिल्ली से अप-डाउन कर रहा था। उसने मंगलवार को दिल्ली स्थित एक अस्पताल में सैम्पल दिया था। जहां रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे वहीं क्वारेंटाइन कर दिया गया। वह बीके सिविल अस्पताल के एक्स-रे रूम में कार्यरत था। सोमवार को जब कर्मचारी पहुंचे, तो उन्होंने अधिकारियों को लिखित में सूचना देकर उन्होंने खुद को क्वारेंटाइन तथा रूम को सेलेटाइज करवाने की मांग की। अस्पताल प्रबंधन ने रूम को सेनेटाइज करवा कर कर्मचारियों को काम शुरू करने के निर्देश दे दिए। रूम को दोपहर को दो बजे खोलकर काम शुरू करवा दिया गया। कर्मचारियों में भय बना हुआ है कि कहीं वे भी तो पॉजिटिव नहीं है। यहां आने वाले मरीजों के लिए भी परेशानियां हो रही हैं।
एफआरयू से दो पॉजिटिव
एफआरयू दो में बृहस्पतिवार की देर शाम एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पॉजिटिव आया था। विभाग की तरफ से उसे होम आईसोलेट कर दिया गया। उसके बाद ओपीडी को सेनिटाज कर दिया गया और शनिवार को मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया। शनिवार को एक बार फिर एक स्वास्थ्य कर्मी यहां से पॉजिटिव पाया गया। वह दिल्ली का निवासी है और यहां सर्वर की जांच का कार्य करता है। ओपीडी को सेनेटाइज करके फिर से काम शुरू कर दिया गया। एफआरयू-दो की ओपीडी सोमवार को पूरा दिन चालू रही।
उड़ी नियमों की धज्जियां
कोविड-19 के मुताबिक अगर किसी स्थान से पॉजिटिव पाए जाने पर करीब 72 घंटे तक उस स्थान को बंद कर दिया जाता है। किंतु न तो सिविल अस्पताल के एक्स-रे रूम में ऐसा किया गया और न ही एफआरयू दो को बंद किया गया। ऐसा करके स्वास्थ्य अधिकारी यहां आने वाले मरीजों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।