• पीठाधीरश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद भारत माता की रक्षा हेतु स्वतंत्रता सग्राम के सेनानी रहे
फरीदाबाद ( अतुल्य लोकतंत्र ): अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र शर्मा बबली ने ज्योतिर्मठ और द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सनातन धर्म की अपूर्णीय क्षती है। सनातन धर्म सम्राट ज्योतिष व द्वारका पीठाधीरश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ब्रह्मलीन हो गये है।
यह हमारा परम सौभाग्य है कि ऐसे सदगुरू का सानिध्य प्राप्त हुआ, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित कर दिया और धर्म की ध्वजा को फहराते हुए हिन्दुत्व को अग्रसर रखा। श्री बबली ने कहा कि पीठाधीरश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद भारत माता की रक्षा हेतु स्वतंत्रता सग्राम के सेनानी रहे। आपका गोलोक जाना सनातन परम्परा व भक्तजनों के लिए बहुत बड़ी क्षति है। आपका आर्शीवाद सभी पर बना रहे और परमपिता परमात्मा आपको अपने श्री चरणो में स्थान दे। द्वारका पीठाधीरश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का बचपन का नाम बताते हुए बबली ने कहा कि घर परिवार और माता-पिता की तरफ से उन्हें पोथीराम उपाध्याय नाम दिया गया था।
तब पोथीराम ने मात्र 9 साल की उम्र में घर बार छोड़ दिया और गृह त्याग कर उन्होंने धर्म यात्राएं शुरू कर दी। अपनी धर्म यात्रा के दौरान वह वाराणसी यानी संस्कृति राजधानी काशी पहुंचे जहां उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग से शास्त्रों की शिक्षा ली।
श्री बबली ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य के लिए एक दिन का राजकीय शोक रखा जाए व दिल्ली में उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए।