Faridabad/Atulya Loktantra : फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त सोनल गोयल के निर्देश पर निगम के फरीदाबाद एनआईटी जोनतृतीय ने संपत्ति कर के बकायेदारों पर शिकंजा कसते हुए 2 लाख 95 हजार रूपये की संपत्ति कर की राशि वसूली के लिए 3 इकाईयों को सील कर दिया। संजय कालोनी सेक्टर-23 में इन 3 इकाईयों को सील करने की कार्यवाही भूमि एवं अनुज्ञप्तिअधिकारी सृष्टि बब्बर एवं सहायक शिवचन्द के नेतृत्व में की गई।
नगर निगम के क्षेत्रिय एवं कर अधिकारी (मुख्यालय) रतन लाल रोहिल्ला ने जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि सील की गई इन 3 इकाईयों में मे घश्याम की दुकान नंबर-447 के विरूद्ध 102308 रूपये, गौरी शंकर की दुकन नंबर-31/1719 के विरूद्ध 90559 रूपये और दुलीचन्द की दुकान नंबर-2011/ए के विरूद्ध 102266 रूपये की संपत्ति कर की राशि बकाया पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि इन सभी के विरूद्ध सीलिंग की कार्यवाही करने से पूर्व संपत्ति कर की राशि जमाकरने के लिए इन्हें हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा 87 (बी 2) के तहत नोटिस जारी किए गए थे।
इसके बावजूद जब इन्होंने संपत्ति कर की राशि की अदायगी नहीं की तो इन सभी को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया गया। उन्होंने बताया कि इन सभी वैधानिक प्रावधानों की पालना न करने पर नगर निगम ने उक्त सीलिंग की कार्यवाही अमल में लाई। निग्मायुक्त सोनल गोयल ने करदाताओं से पुनः अपील की है कि वे सरकार की ब्याज माफी योजना का लाभ उठाते हुएआगामी 31 दिसम्बर तक अपने सम्पत्ति कर की मूल राशि एकमुश्त जमा करवाएं, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें ब्याज की एक बड़ीराशि का भुगतान नहीं करना होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के सम्पत्ति कर की राशि जमा करने पर उन्हें 10 प्रतिशत की छूट भी दीजाएगी।
उन्होंने बताया कि करदाताओं को निगम प्रशासन की ओर से सरकार की ब्याज माफी योजना का उल्लेख करते हुए नोटिस भेजे जा रहे है। इन नोटिसों में संपत्ति कर की मूल राशि व कुल ब्याज का विवरण अलग-अलग से दर्शाया गया है, जिससे कर दाताओं को ब्याज माफी के कारण होने वाले लाभ के बारे में पता चल सकें। उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम के द्वारा निरन्तरता में टैक्स कलैक्शन कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे कि आम नागरिक और करदाता अपने घरों केनजदीक बकाया कर की राशि जमा कर सकें।
उन्होंने कहा कि जिन-जिन क्षेत्र में कैम्प आयोजित करने के बावजूद करदाता अपनेबकाया करों का भुगतान नहीं करते हैं या अपने अवैध पानी व सीवर के कनैक्शनों को वैध नहीं करवाते हैं तो ऐसे डिफाल्टर्स केपानी व सीवर के कनैक्शनों को काटने के साथ-साथ इनके विरूद्ध हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करते हुए इनकी चल या अचल सम्पत्ति को सील करने के इलावा इनकी कुर्की की कार्यवाही भी की जाएगी।