Faridabad : विकास कार्यों में बिना ईट लगाए 500000000 का भुगतान करवाने के मामले में आखिरकार आज उन दोषियों को नौकरी से टर्मिनेट कर ही दिया गया है, जो इस पूरे प्रकरण में नगर निगम के ठेकेदार सतवीर के साथ मिले हुए थे। दोषी पाए गए लिपिक और सहायक अभियंता को निगम के बड़े अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है जबकि ठेकेदार और कई बड़े अधिकारी इस मामले में सजा पाने से पीछे रह गए हैं। नगर निगम फरीदाबाद के 10 वार्डों में एक भी पैसे का विकास कार्य नहीं हुआ था फिर भी अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार सतवीर ने 50 करोड़ का भुगतान करवा लिया था। इस मामले में जब कागजों की जांच हुई तो सारे कागजों में आग लग गई। नगर निगम के वार्ड नंबर 35 के पार्षद दीपक चौधरी के नेतृत्व में कई पार्षदों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। मुख्यमंत्री से लेकर अनिल विज और तमाम बड़े अधिकारियों तक इस मामले को शिकायतकर्ता जोर शोर से पिछले 1 साल से उठा रहे थे और आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे थे। तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर डॉ यश गर्ग ने सदन में पारित प्रस्ताव के आधार पर ठेकेदार तस्वीर को नगर निगम से ब्लैक लिस्ट कर दिया था। लेकिन पार्षद इससे खुश नहीं थे चौकी इस मामले में निचले स्तर से लेकर ऊपर तक कई छोटे बड़े अधिकारी शामिल थे। यह पहला मौका है कि जब इस मामले में आउटसोर्सिंग पर लगे यही और लिपिक को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया गया है। इस मामले के मुख्य शिकायतकर्ता वार्ड नंबर 37 के पार्षद दीपक चौधरी की माने तो 50 करोड का तो 30 ठेकेदार के खिलाफ एक मामला है इसके अलावा कुल 200 करोड रुपए का घोटाला किस ठेकेदार ने किया हुआ था। पिछले 1 साल से वे तथा उसके साथी पार्षद इस मामले में लड़ाई लड़ रहे थे। लेकिन फिलहाल छोटे अधिकारियों को आज नौकरी से टर्मिनेट किया गया है जबकि कई बड़े अधिकारी जिसमें सजा से अभी तक बचे हुए। दीपक चौधरी की माने तो ठेकेदार के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज हो बल्कि उसे इस मामले में कड़ी सजा मिलनी चाहिए ऐसी हम सभी लोगों की सरकार से मांग है।
घोटाले में दोषी पाए गए चार अधिकारियों को निगम अधिकारियों ने किया नौकरी से टर्मिनेट
Deepak Sharma
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