Faridabad/Atulya Loktantra : न्यू इंडस्ट्रीरयल टाऊन भी कोरोना की चपेट में आने लगा है। एनआईटी नंबर 1 व 2 में एक ही परिवारों में कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं। इससे संकट बढऩे की स्थिति पर पहुंच गया है। एनआईटी नंबर-1 के ब्लाक नंबर ए,बी,डी व एच ब्लाक में अब तक कई कोरोना पॉजीटिव केस सामने आ चुके हैं। इनके परिजन भी इस बीमारी के चुंगल में फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में एनआईटी नंबर 2 के जी ब्लाक में एक ही परिवार के चार लोग कोरोना के जाल में फंस गए। पहले इस परिवार की एक युवती को कोरोना हुआ तो उसके बाद घर के बाकि लोग भी इसकी चपेट में फंस गए। देखते ही देखते एक ही घर के कई लोग इस बीमारी को घर ले आए।
फिलहाल सभी इस बीमारी से बचने के लिए प्रयासों में जुटे हैं। वहीं 1 नंबर डी ब्लाक में भी घटना इसी प्रकार से घटी। डी ब्लाक निवासी एक व्यक्ति अपनी बेटी को लेने सडक़ रास्ते से मुंबई गए थे। वहां से वापिस आए तो सतर्कता की वजह से एक निजी लैब से टेस्ट करवा लिया। टेस्ट में वह पॉजीटिव पाए गए तो पूरे इलाके में यह खबर फैल गई। आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ना केवल उक्त व्यक्ति को अपने साथ कोविड सेंटर ले गई,बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी जांच के लिए बुला लिया गया। जांच की गई तो उसमें और सदस्य भी कोरोना की पकड़ में आ गए। फिलहाल इन सभी को उपचारधीन श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया और वहां की दुकानों को बंद करवा दिया गया है।
यह बीमारी एक से दूसरे इंसान में तेजी से प्रवेश करती है। इसको देखते हुए डी ब्लाक के इस परिवार के चारों ओर सीलिंग की यह दीवार खड़ी की गई है। इसी प्रकार से 1 नंबर बी ब्लाक में रहने वाले सब्जी मंडी के आढ़ती का स्वास्थ्य खराब हुआ तो वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। टेस्ट करवाने पर वह कोरोना पॉजीटिव पाए गए। देखते ही देखते परिवार के दो और लोग भी इस बीमारी में फंस गए। ईलाज के लिए कोविड सेंटर ले जाया गया,वहां कई दिनों तक रहने के बाद ठीक होकर वह वापिस अपने घर आ गए। लोगों ने उनका स्वागत भी किया। इसी प्रकार से 1 नंबर ए ब्लाक में रहने वाली एक महिला भी इस बीमारी को पता नहीं कहां से ले आई। दरअसल वह एक सीनियर सिटीजन हाऊस में नौकरी करती हैं। उनकी तबियत खराब हुई तो ईलाज के साथ साथ उनका कोविड टेस्ट भी करवाया गया।
इसके बाद वह पॉजीटिव पाई गईं। ईलाज के लिए कोविड सेंटर पहुंचाया गया,उनके परिजनों के भी टेस्ट हुए। पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया और प्रशासन ने वहां सख्ती कर दी। लेकिन अब बताया जा रहा है कि घर के सभी सदस्य निगेटिव पाए गए हैं। इसे एक राहत भरी खबर कहा जा सकता है। लेकिन इस खबर की असली कहानी यह है कि इस बीमारी से डरने की बजाए लडऩे की जरूरत है। प्रथम दृष्टि मास्क पहनने,साबुन से हाथ धोने व ध्यान रखने से यह बीमारी दूर रहती है। इसलिए यदि किसी की तबियत खराब है तो वह अपना ईलाज शुरू करने के साथ ही घर के बाकि सदस्यों से दूरी बना लें,ताकि यह वायरस दूसरे शरीर में ना जा सके। इसलिए लोगों को जागरूकता के साथ ही इसी बीमारी से लडऩे के लिए तैयार होना होगा। तभी इस वायरस को भगाया जा सकता है।