Faridabad/Atulya Loktantra : देश में कोरोनावायरस की महामारी से लोग बुरी तरह दहशत में हैं। काम-धंधे चौपट हुए पड़े हैं। केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति को थामने में जुटी हैं। किंतु कोरोना विरोधी अभियान की कुछ खामियां गले नहीं उतर रहीं। फरीदाबाद के लोग पूछ रहे हैं कि जब कोरोना के मामले में गुरुग्राम की स्थिति ज्यादा खराब है, तो फरीदाबाद को रेड जोन और गुरुग्राम को क्यों ऑरेंज जोन में क्यों घोषित किया हुआ है।
सबसे पहले आंकड़ों पर नजर डालते हैं
– सात मई की शाम तक के आंकड़े बताते हैं कि गुरुग्राम और फरीदाबाद की स्थिति में काफी अंतर है।
– सात मई की शाम तक गुरुग्राम में 117 पॉजिटिव केस थे। जबकि फरीदाबाद में सात मई तक कुल 85 ही संक्रमित थे।
– सात मई की शाम तक गुरुग्राम में 66 एक्टिव केस थे। जबकि फरीदाबाद में कुल 33 एक्टिव केस थे।
– पॉजिटिव केस और एक्टिव केस के मामलों में भारी अंतर होने के बावजूद गुरुग्राम ऑरेंज है और फरीदाबाद रेड जोन में है।
– यह कंट्राडिक्शन स्पष्ट कह रहा है कि क्षेत्रों की जोनवार ‘कलर कोडिंग’ की प्रक्रिया में कहीं न कहीं कोई खामी है।
– या फिर ऐसा है कि जोनवार ‘कलर कोडिंग’ की समय-समय पर समीक्षा नहीं हो रही।
– इस कारण बदलते आंकड़ों के साथ जोनों की स्थिति नहीं बदल पा रही है।
सबसे ज्यादा मुश्किल
– कोरोना काल में रेड जोन और कैंटोनमेंट जोन के लोग सबसे ज्यादा मुश्किल में हैं।
– रेड जोन में अधिकांश दुकानें बंद हैं और कारोबार चौपट है।
– लॉकडाउन को डेढ़ माह से ज्यादा हो चला है।
– दुकानदारों और उद्यमियों के पास न तो खुद के खर्चे के लिए धन बचा है और न अपने कर्मचारियों को वेतन दे पाने का हौसला।
– अधिकांश नौकरपेशा लोगों को अपनी नौकरी छिन जाने का डर दिन-रात खाए जा रहा है।
– ऐसी मुश्किलें देने वाले इन जोनों की निरंतर समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए।
वर्गीकरण गलतफहमी पैदा करने वाला
सोशल मीडिया में डॉ. इंद्रजीत @DrInderjeet8 ने यह सवाल कर रहे हैं कि 6 मई तक गुरुग्राम में 104 केस और फरीदाबाद में 78 केस होने के बावजूद गुरुग्राम ऑरेंज जोन में है। जबकि फरीदाबाद जेड जोन में है। यह वर्गीकरण गलतफहमी पैदा करने वाला है।