• हमें आजाद देश के आज़ाद नागरिक होने की भावना का एहसास कराता है संविधान : डॉ हेमलता शर्मा
फरीदाबाद ( अतुल्य लोकतंत्र ): दीपक शर्मा / सैक्टर 21 फरीदाबाद स्थित शरद फाउंडेशन में शनिवार 26 नवंबर को सविंधान दिवस मनाया गया। संस्था के छात्र छात्राओं ने इसमें बढ़ चढ़ कर इसमें भाग लिया।
कार्यक्रम में शामिल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण , फरीदाबाद ( DLSA,fbd ) की पैनल अधिवक्ता अर्चना अग्रवाल ने कार्यक्रम में संविधान दिवस पर आयोजित गोष्ठी में बच्चों के मध्य संविधान के बारे में जानकारी दी और बच्चों से संविधान के बारे में जानने की कोशिश की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही शरद फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ हेमलता शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी यहां संविधान दिवस मनाने को एकत्रित हुए हैं। हर साल 26 नवंबर का दिन भारत में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। इसलिये इसी दिन की याद में हर साल देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ।
यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारा ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हेैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार एवं शरद फाउंडेशन के ट्रस्टी दीपक शर्मा ने बताया कि इस दिन का मकसद देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है। हर भारतीय नागरिक के लिये 26 नवबंर संविधान दिवस बेहद गर्व का दिन है। कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। संविधान में ही देश के सिद्धांत और उसको चलाने के तौर तरीके होते हैं।
संस्था की कोर कमेटी सदस्य सुमन कुशवाहा ने बताया कि इस संविधान दिवस पर हमें जीवन भर अपने मौलिक कर्तव्य और देश का कानून का पालन करने का प्रण लेना चाहिये। देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने से न सिर्फ संविधान का मकसद पूरा होगा बल्कि संविधान निर्माताओं के सपनों के राष्ट्र का निर्माण होगा।
कार्यक्रम के अंत में डॉ हेमलता शर्मा ने सभी आए हुए मेहमानों का आभार जताया।