Faridabad/Atulya Loktantra : शहरवासियों बचकर रहना। क्योंकि आपकी जान के लिए खतरा बने 85 कोरोना बम शहर में घूम रहे हैं। ये सभी जांच में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे लोग अपने जान पहचान वाले भी हो सकते हैं। इनकी तलाश करने में अब हेल्थ विभाग के पसीने छूट रहे हैं। क्योंकि इन लोगों ने जांच के दौरान अपने घर का पता और मोबाइल नंबर गलत लिखया है।
इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों के गायब होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने इन संक्रमितों की सूची बनाकर अब पुलिस को सौंप दी है। पुलिस की साइबर सेल समेत अन्य टीमें इनकी तलाश में जुटी हैं। इसके पहले भी करीब दस लोग लापता हो गए थे। पुलिस की तलाश में केवल तीन ही लोग मिल पाए थे।
इन दिनों कोराेना जांच के लिए रोज करीब 350 से 400 लोग बीके अस्पताल की लैब में आ रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि खुद को संक्रमित होने का अहसास होने पर लोग स्वास्थ्य विभाग के रजिस्टर में अपना मकान नंबर और मोबाइल नंबर गलत लिखवा रहे हैं। यही समस्या अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि जो 85 कोरोना संक्रमित लोग लापता हैं उन्होंने एक से दस जून के बीच में अपना टेस्ट कराया था। इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जब इनके घर की तलाश के लिए मौके पर पहुंची तो वहां उक्त नाम के व्यक्ति ही नहीं हैं। फिर जब उनके दिए हुए नंबर पर फोन किया गया तो किसी का नंबर बंद मिल रहा तो काेई नंबर किसी दूसरे का लग रहा। एक सप्ताह से ये संक्रमित लोग अस्पताल में भर्ती न होकर कितने लोगों से मिल रहे होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
पुलिस को सौंपी लापता संक्रमितों की लिस्ट
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि लापता हुए 85 संक्रमितों की सूची तैयार कर पुलिस को सौंपकर उससे तलाश करने की गुजारिश की गई है। पुलिस अब उन नंबरों को ट्रैस कर रही है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग के पास मोबाइल ट्रैकिंग की कोई सुविधा नहीं होती। ऐसे में पुलिस की मदद लेना मजबूरी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौंपी गई सूची की पुलिस की साइबर सेल, संबंधित थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें तलाश कर रही हैं।
दूसरों की जान के लिए खतरा हैं ऐसे लोग
आईएमए के पूर्व पदाधिकारी डॉ. अनिल गोयल एवं सैनिक कॉलोनी निवासी डॉ. लोकवीर का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों से मिलने जुलने से ही फैलता है। यही कारण है कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज को तुरंत होम क्वारेंटीन किया जाता है। जिससे संक्रमण को रोका जा सके। जिस तरह से संक्रमित लोग अपना इलाज कराने के बजाय लापता होकर घूम रहे हैं वे संक्रमण को तेजी से फैला रहे हैं। उन्हें न अपनी जान की परवाह है और न दूसरे की। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। साथ ही शहरवासियों को बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने करीब 85 लोगों की सूची सौंपी है जो संभवत: कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उनके नंबरों के आधार पर ट्रैस किया जा रहा है। हमने करीब 20 से 25 लोगों को ट्रैस कर उन्हें उनके घर पर ही होम क्वारेंटीन कर दिया है। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है। उम्मीद है बाकी बचे लोगों को भी हमारी टीम खोज निकालेगी।
-अनिल कुमार, एसीपी क्राइम