Faridabad/Atulya Loktantra : पंजाबियों के इमाम एवं पूर्व मंत्री ए.सी.चौधरी को 82 साल की उम्र में राजनीतिक जीवन की नई शुरूआत करने पर सोशल मीडिया पर बधाईयों के ताते लगे हुए है। राजनीतिक विशेषज्ञ इन बधाईयों का मतलब अलग-अलग तरीके से निकाल रहे है। इसके अलावा सामाजसेवी एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. ब्रहमदत्त एडवोकेट ने एफबी पेज पर एक पोस्ट डाली जिसमें लिखा कि ‘‘ए.सी. चौधरी के इस उम्र में राजनीतिक जीवन की नई शुरूआत करने पर बधाई दी और लिखा कि मैं कभी यह नहीं सोचता था कि व प्रजातंत्र के लिए विपक्ष की भूमिका को कोई महत्व नहीं देते। अरे भाई, समझना चाहिए कि विपक्ष राजतंत्र की गाड़ी के लिए ब्रेक का काम करता है। लगता है प्रजातंत्र आपकी बला से भाड़ में जाए। खैर, कभी समय मिले तो सिंहावलोकन करें कि आपने अपने कृतिमान जीवन को कहीं धूमिल तो नहीं किया। मैं सदैव आपसे प्रभावित रहता था जो तूफानों के सामने झूकना, टूटना नहीं, परन्तु लडऩा जानते थे अब वो कहां?
क्या लोग विश्वास करें के आपके पथ बदलाव के पीछे कोई प्रलोभन नहीं है?’’ इनकी इस पोस्ट पर जवाब में लोग जमकर शेयर और कमेंट कर रहे है। दूसरा राजनीतिक विशेषज्ञ मतलब यह निकाल रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रिटायर नेता को फिर से एक्शटेंशन इसलिए दिया है कि उन्हे राजनीतिक लाभ मिल सके। लेकिन अनुमान यह है कि जब ए.सी.चौधरी ने भाजपा के मंच पर कदम रखा तभी से उनके कट्टर कांग्रेसी समर्थकों ने उनसे दूरी बना ली है। बडख़ल भाजपा प्रत्याशी को ए.सी.चौधरी के भाजपा में आने से लाभ मिलने के आसार थे लेकिन अकेले ए.सी.चौधरी के आने से प्रत्याशी को कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है क्योंकि पंजाबी इमाम के समर्थन में इक्_े हुए पंजाबियों ने उनसे दूरियां बना ली है। ए.सी.चौधरी के दो नम्बर स्थित कार्यालय पर हुई मीटिंग में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष गुलशन बज्गा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्ञानचंद आहुजा, सरदार प्रताप चावला, अशोक अरोड़ा, राजेश भाटिया ने ए.सी.चौधरी के भाजपा में शामिल होते ही दूरियां बना ली है और कांग्रेस प्रत्याशी के लिए समर्थन देकर ए.सी.चौधरी को भाजपा के लिए खाली कारतूस साबित कर दिया है।