अपने नियंत्रण में लेकर इलाज कराए सरकार : मंच
फरीदाबाद, 05 मई । हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट अस्पतालों पर कोरोना को अवसर में बदलते हुए मरीजों से निर्धारित रेट से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगाया है। मंच ने कहा है कि, मुख्यमंत्री की घोषणा अगर प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड-19 के इलाज के नाम पर मनमानी वसूली बंद नहीं की तो सरकार ऐसे तमाम प्राइवेट अस्पतालों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लेगी का प्राइवेट अस्पतालों पर कोई असर नहीं हुआ है और वह पहले की तरह ही मरीजों से 50 से 60 हजार रुपए प्रतिदिन बेड किराया वसूल रहे हैं और ऑक्सीजन, दवाइयों पर अलग से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इस शर्मनाक कार्य में बड़े अस्पतालों के साथ-साथ छोटे अस्पताल व नर्सिंग होम भी पीछे नहीं हैं। मंच ने फरीदाबाद जिले के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल व जिला उपायुक्त फरीदाबाद से मांग की है कि फरीदाबाद के सभी छोटे बड़े अस्पतालों के रिकॉर्ड की जांच की जाए जिससे पता चले कि उन्होंने कोरोना के इलाज में मरीजों से प्रतिदिन के हिसाब से बेड का कितना किराया व अन्य इलाज के लिए किस रेट से पैसा वसूला है। जांच में दोषी पाए जाने वाले अस्पतालों की मान्यता रद्द की जाए और जिला प्रशासन उनको अपने नियंत्रण में लेकर मरीजों का इलाज जारी रखे। इसके अलावा प्रशासन प्रत्येक इलाज के लिए निर्धारित किए गए रेट की सूची व प्रतिदिन खाली बेड की जानकारी अस्पतालों में शीघ्र लगवाए। जिससे आगे तो प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लग सके। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड 19 के इलाज के लिए रेट निर्धारित कर रखे हैं लेकिन प्राइवेट अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज निर्धारित रेट से कई गुना राशि लेकर कर रहे हैं। लोग पहले से ही कोरोना से डरे हुए हैं, बाहर ऑक्सीजन व दवाइयों की कमी के चलते वे अपने मरीज की जान बचाने के लिए मरता क्या न करता की तर्ज पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी को मजबूरी वश सहन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोविड 19 के इलाज के लिए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम शुल्क तय किए हैं। ऐसे अस्पताल जो एनएबीएच से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, वेंटीलेटर की आवश्यकता वाले आइसीयू में भर्ती मरीजों से अधिकतम 15 हजार रुपये प्रतिदिन की दर से शुल्क ले सकते हैं। आक्सीजन और सहायक सुविधाओं के साथ अलग बिस्तर के लिए एक मरीज से प्रतिदिन आठ हजार रुपये शुल्क लिया जा सकता है अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे कोविड के मरीज, जिन्हें बिना वेंटीलेटर के आइसीयू की आवश्यकता है, उनसे प्रतिदिन के हिसाब से 13 हजार रुपये शुल्क लिया जा सकता है। वेंटीलेटर की आवश्यकता वाले आइसीयू में भर्ती मरीज से 15 हजार रुपये प्रतिदिन तक का शुल्क लिया जा सकता है।
प्राइवेट अस्पतालों ने नहीं लगाई रेट लिस्ट, मरीजों के साथ लूट व मनमानी जारी
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