शहर में भ्रष्टाचारियों की बाढ़ आ गई है। कभी नगर निगम तो कभी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं। ताजा मामला बिजली निगम का आया है। पल्ला सब डिवीजन में तैनात एक क्लर्क ने बिल ठीक करने के बदले एक व्यक्ति से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। सौदा 18000 में तय हो गया। पीड़ित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी। विजिलेंस ने रणनीति बनाकर रिश्वतखोर क्लर्क को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर रामनाथ ने बताया कि सेक्टर 91 निवासी अमित कुमार का दो महीने का बिल 54 हजार आ गया था। उन्होंने बिल ठीक कराने पल्ला सब डिवीजन में संपर्क किया। कई दिन तक वहां काम करने वाले क्लर्क उन्हें टरकाते रहे। आखिर में बिल ठीक करने वाले नंगला ब्राह्मण गांव निवासी मनोज कौशिक ने अमित से बिल ठीक करने के बदले 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। कहा आपका बिल 14-15 हजार का बना दूंगा। अमित ने 18000 रुपए देने की बात कही। सौदा तय हो गया। इसके बाद अमित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की। विभाग ने योजना बनाकर 18000 रुपए देकर और उन नोटों का नंबर नोट कर अमित को पैसे देकर क्लर्क के पास भेजा। अमित पल्ला सब डिवीजन पहुंचकर जैसे ही क्लर्क मनोज को पैसे दिए। इशारा मिलते ही विजिलेंस ने घेराबंदी कर मनोज को रंगेहाथ पकड़ लिया।