चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने शराब कारोबारियों से मिले सुझाव के आधार पर एक साल के लिए राज्य की नई आबकारी पालिसी को मंजूरी प्रदान कर दी है। पिछले साल कोरोना की वजह से शराब ठेके 19 मई से आरंभ हुए थे, जो इस बार 20 मई को खत्म होंगे। शराब कारोबारियों के लिए इस साल नया वित्तीय वर्ष 20 मई से आरंभ होगा, जो अगले साल 19 मई तक चलेगा।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने अधिक राजस्व हासिल करने की मंशा से तीन साल, दो साल और एक साल के लिए तीन पालिसी तैयार की थी, लेकिन ज्यादातर ठेकेदार एक साल वाली पालिसी लागू किए जाने के पक्ष में थे। हरियाणा कैबिनेट की बैठक में भी एक साल वाली शराब पालिसी को मंजूरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी पालिसी को मंजूरी प्रदान की गई। पिछले साल वाली पालिसी से करीब सात हजार करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का अनुमान था, जो कि इस बार आठ हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आबकारी एवं कराधान विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी, आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी और आबकारी आयुक्त आशुतोष राजन की पीठ थपथपाई। कोरोना में शराब की तस्करी और चोरी के बावजूद इतना राजस्व जुटाना किसी रिकार्ड से कम नहीं है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस विभाग के मंत्री हैं।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के चलते एक साल से शराब पर लगाया जा रहा कोविड सेस अब खत्म कर दिया गया है। हालांकि शराब की न्यूनतम खुदरा बिक्री कीमतों में थोड़ा इजाफा जरूर होगा। इससे कोविड सेस खत्म होने के बावजूद शराब थोड़ी महंगी मिलेगी। देसी शराब, आइएमएफएस और बीयर पर निर्यात शुल्क कम कर दिया गया है। महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शराब ठेके अप्रैल से अक्टूबर तक सुबह आठ बजे से रात 11 बजे तक और नवंबर से मार्च तक सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक खोले जा सकेंगे। शहरों में सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक शराब की बिक्री होगी। शराब के ठेके पूरे एक वर्ष (365 दिन) के लिए आवंटित किए जाएंगे। बार लाइसेंस की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है।