हरियाणा के अंबाला जिले के गांव बलाना में एक युवक ने परिवार के 5 सदस्यों को मारकर खुदकुशी कर ली। युवक ने पहले अपने माता-पिता, पत्नी व बच्चों को मारा। इसके बाद खुद फांसी लगा ली। सुखविंदर सिंह निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था। आज ही बेटी आशु का आज जन्मदिन था।
भांजे ने विश करने के लिए सुबह फोन किया तो किसी ने नहीं उठाया। जब काफी देर घर में किसी का फोन नहीं उठा तो परिजनों ने पड़ोसियों के जरिए पता कराय। इस दौरान मामले की खुलासा हुआ। मरने वालों में 65 वर्षीय संगत राम, उनकी पत्नी महिंद्रो कौर, 34 वर्षीय सुखविंदर सिंह, उनकी पत्नी रीना, 5 वर्षीय अस्मीत उर्फ आशु और 7 वर्षीय जसमीत उर्फ जस्सी शामिल हैं। संगत राम गांव के नंबरदार थे।
मृतकों का पोस्टमार्टम
सीन ऑफ क्राइम टीम के अनुसार, गला घोंट कर पांचों की हत्या की गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मौत के सही कारणों का खुलासा होगा। पुलिस ने शव सिविल अस्पताल अंबाला सिटी भेज दिए। DSP जोगिंद्र शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 5 की गला घोंटकर हत्या की गई। उसके बाद सुखविंदर ने फंदा लगाकर सुसाइड किया। एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें 10 लाख रुपए जबरन मांगें जाने के आरोप लगाए गए हैं।
जन्म दिन से पहले आ गई मौत
सुखविंदर के भांजे करनदीप ने बताया कि सुखविंदर की एक बेटी जस्सी तीसरी कक्षा और दूसरी बेटी आशु एलकेजी की छात्रा थी। सुबह बर्थडे विश करने के लिए उसने सुखविंदर के फोन पर कॉल की, लेकिन कॉल उठाई नहीं गई। काफी देर प्रयास करने के बाद पड़ोसियों से संपर्क साधा तो वारदात का खुलासा हुआ। घर में कोई चहल पहल नहीं होने से पड़ोसी भी हैरान थे। करनदीप का फोन आने पर जब पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तो मंजर देखकर दहल गए। परिवार के कई सदस्य बेसुध पड़े थे। पुलिस को सूचना दी गई। छानबीन में पता चला कि सभी की मौत हो चुकी है।
सुसाइड नोट भी बरामद हुआ
DSP जोगिंदर शर्मा ने बताया कि मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसके पहले पेज पर आज की लास्ट बात लिखा है। पेज के कोने पर फंदा जैसे 6 प्रतीकात्मक चित्र भी बनाए हैं।
सुखविंदर सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा-
आज मैं सुखविंदर सिंह अपने जीवन की अंतिम बात लिख रहा हूं। मेरी तरफ से मेरे परिवार और दोस्तों को माफी, अगर मैंने कोई गलती की हो तो। मुझे यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ रहा है और इसके पीछे सिर्फ 2 बंदों का हाथ है। एक नाम बाल किशन ठाकुर और दूसरा कवि नरूला साई होंडा यमुनानगर का मालिक है। उक्त दोनों मुझसे जबरदस्ती 10 लाख रुपए मांग रहे हैं और अगर न दूं तो मेरे को और मेरी फैमिली को नुकसान पहुंचा देंगे।
मैं एक गरीब बंदा हूं और बाल किशन रोजाना नौकरी से निकालने की धमकी देता है। जो भी मेरे मित्र और संबंधी हैं, आप सबसे निवेदन है कि हो सके तो इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। IFFCO कंपनी के सभी सीनियर्स से भी निवेदन है कि आप इस तरह का स्टाफ न रखें, जो अपने पर्सनल फायदे के लिए स्टाफ को परेशान करते हैं। मुझे पता है कि मामला दब जाएगा। कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि पैसे के पीछे सब कुछ दब जाता है।
मेरी जायदाद के दोनों भांजे बराबर के हकदार
सुखविंदर ने लिखा है कि मैं अपने परिवार वालों से एक ही विनती करता हूं कि आप अपने जीवन को मेरे कारण खराब न करें, क्योंकि मेरी स्थिति उन दोनों आदमियों ने बहुत खराब कर दी है। बंदा अपनी मेहनत से तरक्की करता है। उसका कोई साथ नहीं देता और अंतिम मेरा मैसेज मेरे सबसे नजदीकी परिवार को- जो भी मेरा और मेरे घर में माता-पिता का है, उस पर मेरे दोनों भांजों का बराबर का हक है। चाहे वह मेरे पिताजी की जमीन घर और मेरे व मेरी पत्नी के खातों में पैसा है। मेरे दोनों भांजे मोहित और करणदीप में बांट दिया जाए।
मेरी लास्ट इच्छा है कि आप इस कार्रवाई में दखल न दें, क्योंकि बुरे इंसान के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में आप बुरा मत बनो। अब मैं अपने परिवार पिताजी, माता जी, पत्नी और दो बच्चों की तरफ से सबसे अंतिम माफी मांगता हूं। मेरी लाइफ खत्म करने में दो बंदों बाल किशन ठाकुर और कभी नरूला और उनके साथी ही जिम्मेदार हैं।