New Delhi/Atulya Loktantra : सभी बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के मकसद से अब स्कूलों में मिड-डे मील में सुबह नाश्ता भी मिलेगा। नई शिक्षा नीति में आने वाली इस योजना पर राज्यों को आपत्ति है। राज्यों का तर्क है कि खाने बांटने व निगरानी के चलते पहले ही शिक्षक पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।
अब नाश्ता जोड़ने से पढ़ाई ओर अधिक प्रभावित होगी। खाना बेहद जरूरी है तो फिर मिड-डे मील को शिक्षा विभाग से अलग करने का सुझाव भी दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी, मणिपुर के शिक्षा मंत्री राधेश्याम, तेलगांना, राजस्थान समेत कई राज्यों के शिक्षामंत्रियों ने विरोध जताया है। हिमाचल के शिक्षा मंत्री ने पिछले महीने नई शिक्षा नीति की बैठक में यह आपत्ति दर्ज कराई। मेघालय के शिक्षा मंत्री का कहना है कि पहाड़ी राज्य होने के चलते शिक्षक मिड-डे मील में व्यस्त रहते हैं। अब यदि नाश्ता जोड़ा जाता है तो फिर शिक्षक पढ़ाएंगे कब।
मौसम के चलते शुरू नहीं हो सकता सेमेस्टर सिस्टम
नई शिक्षा नीति में स्कूलों में सेमेस्टर सिस्टम प्रणाली शुरू करने की योजना है। हालांकि हिमाचल, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने इसका विरोध किया है। इसके लिए मौसम, छात्रों की अत्यधिक संख्या और शिक्षकों की कमी को वजह बताया गया है। राज्यों ने साल 2017 में आयोजित राज्य और केंद्र की बैठक में पहले भी विरोध जताया था। हर राज्य का मौसम अलग-अलग है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मौसम अलग-अलग होने से एक साथ सेमेस्टर सिस्टम शुरू नहीं किया जा सकता है।