नई दिल्ली। कोरोना के केस बढ़ते जाने से पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई जगह नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। सरकार का कहना है कि इसका मकसद रात को भीड़ कम करने और कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। भारत में ही नहीं, कई देशों में कोरोना के मामलों को कंट्रोल करने के लिए नाइट कर्फ्यू का कदम उठाया गया है। इससे रात में होने वाली पार्टियों और समारोहों को नियंत्रण में किया जाता है।
नाइट कर्फ्यू में आमतौर पर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने की मनाही होती है। कर्फ्यू का समय हर सरकार के अनुसार बदल भी जाता है। इससे लोगों की रात में आवाजाही पर रोक लगाई जाती है, ताकि रात में लोग इक्ट्ठा ना हो सके। इससे लोग लंबे समय तक बाजारों में नहीं रहते हैं, बाजार जल्दी बंद हो जाते हैं, शादियों, समारोहों और पार्टियों पर नियंत्रण लगता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वहां रात के कर्फ्यू का मकसद ये था कि अक्सर 20 से 50 साल तक के लोग रात में घूमते रहते हैं और मस्ती के लिए इकट्ठे होते हैं और इससे संक्रमण फैलने का ख़तरा रहता है। रात के कर्फ्यू से इस पर नियंत्रण किया जा सका है। होटल, पब, रेस्टोरेंट में भी लोग जमा नहीं हो रहे हैं, जहां कोरोना बढ़ने का खतरा बना रहता है।
लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि रात के कर्फ्यू का मकसद लोगों को स्थिति की गंभीरता की चेतावनी देना है। सरकार का ये कदम लोगों को सामने सामने दिखाई देता है। लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है कि कुछ गड़बड़ है तभी सख्ती की जा रही है। इसका नतीजा लोगों के सामान्य व्यव्हार में परिलक्षित होता है और लोग दिन में भी सामाजिक दूरी, मास्किंग जैसे उपाय अपनाने लगते हैं।