New Delhi/Atulya Loktantra News: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ (Chhath) के दूसरे दिन गुरुवार को खरना व्रत है। इसमें व्रतियों द्वारा छठी मैया को गुड़, अरवा चावल एवं दूध से बने रसिया का भोग लगाया जाता है। इसके पहले बुधवार को नहाय-खाय (Nahai-Khay) के महापर्व की शुरुआत हुई। अगो शुक्रवार को सांध्यकालीन सूर्य (Evening Arghya) को तो शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य (Morning Arghya) दिया जाएगा। कोरोना संक्रमण के काल में यह पहला छठ व्रत है, जिसमें संक्रमण से बचाव के तमाम ऐहतियाती उपाय किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए प्रशासन व पुलिस के हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। छठ पर्व को लेकर राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सहित कई जनप्रतिनिधियों ने जनता को बधाई भी दी है।
महापर्व के दूसरे दिन खरना आज
महापर्व के दूसरे दिन गुरुवार को खरना (Kharna) व्रत है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास कर पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। आचार्य राजनाथ झा ने बताया कि खरना अंत:करण को शुद्ध करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन छठवर्ती दिन भर उपवास करती हैं तथा पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। इस दिन गुड़, अरवा चावल एवं दूध से रसिया बनाया जाता है, जिसका शाम में छठी मैयाको भोग लगाया जाता है। पटना के आचार्य शुभम के अनुसार खरना के दिन ही छठी मैया का आह्वान कर एकांत में भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि छठी मैया एकांत व शांत स्थान पर ही भोग ग्रहण करती हैं।
बुधवार को नहाय-खाय के साथ शरू हो गया व्रत
इसके पहले बुधवार को व्रतियों ने गंगा या आपपास की नदियों के जल से स्नान किया, फिर वहां से जल लाकर प्रसाद बनाया। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण नदी घाटों पर पहले वाली भीड़ तो नहीं दिखी, लेकिन व्रतियों का आना जारी रहा। पटना की बात करें तो गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई तथा प्रसाद बनाने के लिए गंगा जल घर ले गए। बुधवार को छठ व्रतियों ने पूजा कर कद्दू-भात का भोग लगाया तथा प्रसाद ग्रहण किया।