लखनऊ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- आपको कैसे पता चला कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं? आप बीजेपी कार्यकर्ता हैं, आपने यह बात याचिका में क्यों नहीं बताई?
मामले की सुनवाई जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने की। सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
याचिकाकर्ता: हमने चुनाव आयोग से संपर्क किया। जिला निर्वाचन अधिकारी से इस मुद्दे को लेकर संपर्क किया। मैं मानता हूं कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं। कई साक्ष्य इसकी गवाही देते हैं। गृह मंत्रालय ने भी उनको इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर नोटिस भेजा है। कई लोगों ने पहले भी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट के समक्ष वह राहुल को ब्रिटिश नागरिक साबित नहीं कर पाए। मैंने, भारत और विदेश में बहुत काम किया है।
यह है मामला
कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से 21 जून को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था- राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं। वह ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) में निहित प्रावधानों के तहत सांसद बनने के योग्य नहीं हैं।
विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडेय ने बताया- राहुल गांधी की नागरिकता के संबंध में हमने बैकअप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में उनके ITR को रिकॉर्ड में लाया है। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। अनुच्छेद 102 में निहित प्रावधानों के तहत उन्हें सांसद के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया गया था।
अधिनियम की धारा 8 (3) के साथ हमने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनके लिए सांसद चुने जाने की अयोग्यता पैदा हो गई है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने इस बार वायनाड और रायबरेली दो लोकसभा सीटों से जीत दर्ज की थी। वायनाड सीट से राहुल ने इस्तीफा दिया है।