Chandigarh/Atulya Loktantra : हरियाणा में 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा को पूरा करते हुए यह निर्णय लिया है। बुधवार को यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्री-स्कूल खोलने को लेकर बैठक हुई। शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी इसमें उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट लर्निंग प्ले-वे स्कूलों में बदलने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों के बच्चों के विकास के लिए पाठ्यक्रम को एनिमेशन व ऑडियो-विजुअल के रूप में डिजाइन किया जाना चाहिए। एन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) 2019 ‘प्रारंभिक वर्षों’ के निष्कर्षों ने इस तथ्य को उजागर किया है कि बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन स्कूली शिक्षा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण आयाम होते हैं।
मुख्यमंत्री ने डाटा बताता है कि संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता वाले कार्यों पर बच्चों का प्रदर्शन प्रारंभिक भाषा और प्रारंभिक संख्यात्मक कार्यों को करने की उनकी क्षमता से संबंधित है। प्री-स्कूल वर्षों में संज्ञानात्मक क्षमताओं को विकसित करने वाली प्ले-आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को समझते हुए 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले उच्च शिक्षा प्राप्त वर्कर्स को इन प्ले स्कूलों में लगाया जाए। प्ले स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों से 100 रुपये का मामूली शुल्क लें। एसटी, एससी वर्ग के छात्रों के लिए कुछ रियायत रखी जानी चाहिए।
हर ब्लॉक में लगेगा ‘गोबरधन प्रोजेक्ट’, बनेगी गोबर गैस
हरियाणा के सभी ब्लॉक में गोबर गैस प्लांट लगाए जाएंगे। जहां गोबर गैस बनेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने ‘गोबरधन’ के नाम से एक विशेष परियोजना तैयार की है। इसके साथ-साथ हरियाणा में स्वच्छता मुहिम को जन-आंदोलन का रूप देते हुए ठोस कचरा प्रबंधन के लिए ग्रामीण स्तर पर बनाए जा रहे शेड के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। इससे गांवों में जैविक व अजैविक कचरे का अलग-अलग निपटान किया जा सकेगा।
विधायक एवं स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष महीपाल ढांडा ने बताया कि हर जिले के हर एक खंड में गोबरधन प्रोजेक्ट लगाकर गोबर गैस बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, रेटरोफिटिंग के तहत भी प्रत्येक गांवों में दो गड्ढ़ों वाला शौचालय बनाया जाएगा। पक्के गड्ढ़ों से निकलने वाली वेस्ट का प्रबंधन फीकल स्लज मैनेजमेंट के तहत किया जाएगा।
ढांडा ने जिलावार व्यक्तिगत शौचालय के लिए सभी पात्र परिवारों को शीघ्र प्रोत्साहन राशि जारी करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को समय पर इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे सामुदायिक शौचालयों में पानी व साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए और सभी शौचालयों को इस्तेमाल में लाया जाए। इसके अलावा, गांवों को पॉलीथिन व प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए भी हर जिले में अभियान चलाया जाए। उनके अनुसार मिशन की स्टेट टास्क फोर्स के तहत जिला स्तर पर करवाए जा रहे कार्यों का निरीक्षण व समीक्षा की जाएगी। ताकि इनमें और अधिक तेजी व पारदर्शिता लाई जा सके।