Deepak Sharma/Atulyaloktantra
Palwal : पलवल के गांव बघौला में स्थित कच्ची चौपाल में केंद्रीय राज्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को उस समय ग्रामीणों के भारी रोष का सामना करना पड़ा, जब पृथला के विधायक टेकचंद शर्मा ने सभा में कम लोगों के आने पर सरपंच को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया। विधायक के सरपंच को कम लोग जुटाने पर धिक्कार शब्द का इस्तेमाल करने पर ग्रामीण भड़क गए तथा विधायक व केंद्रीय राज्यमंत्री को खूब खरी-खोटी सुनाई।
ग्रामीणों के गुस्से को देख बाद में विधायक ने माफी मांगी तथा गांव के सरपंच व हरियाणा लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य डा. हरेंद्र पाल राणा ने ग्रामीणों को समझाकर मामले को शांत कराया। उसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने आनन-फानन में अपना भाषण दिया तथा चुप निकल गए। इतना ही नहीं ग्रामीणों के गुस्से के बाद विधायक टेकचंद शर्मा इतने परेशान हो गए कि लोगों से भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगते समय हाथी का बटन दबाकर वोट डालने की अपील कर डाली। हालांकि बाद में उन्होंने ग्रामीणों से माफी मांगते हुए कमल का बटन दबाने की अपील की।
कैसे हुआ विवाद शुरू
हुआ यूं कि केंद्रीय राज्यमंत्री को गांव बघौला में चुनाव प्रचार के लिए आना था। कार्यक्रम की जिम्मेदारी गांव के सरपंच को सौंपी गई थी। कार्यक्रम स्थल पर जब केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विधायक टेकचंद शर्मा व अन्य भाजपा नेता पहुंचे, तो वहां लोगों की भीड़ काफी कम थी। जिसे देखते ही विधायक टेकचंद शर्मा ने माइक हाथ में ले लिया तथा सरपंच को कम लोगों की भीड़ जुटाने पर बुरा-भला कहना शुरू कर दिया। विधायक ने सरपंच को कहा कि यह बड़े ही धिक्कार की बात है कि इतने बड़े देश के मंत्री गांव में आ रहे हैं और लोग तक नहीं है।
विधायक के इतना बोलते ही वहां मौजूद ग्रामीण भड़क गए तथा विधायक व केंद्रीय राज्यमंत्री को खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी। ग्रामीणों का कहना था कि पांच साल गांव के लोगों की याद नहीं आई और अब यहां आकर बुरा-भला बोल रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि खेतों में कटाई का काम चल रहा है, यहां लोग तुम नेताओं के लिए खाली नहीं बैठे हैं। लोग पूरी तरह से भड़क गए। लोगों के गुस्से को देख विधायक ने उनसे माफी मांगी, तब जाकर मामला शांत हुआ। उसके बाद मंत्री ने जल्दी से अपना भाषण समाप्त किया और वहां से चलते बने। इस बारे में विधायक टेकचंद शर्मा का कहना है कि वे उनके समर्थक हैं तथा उन्हें सुनाने का उनका अधिकार है। वे भी पांच साल से उनकी सुन रहे हैं तो क्या वे अपने परिवार के लोगों को सुना नहीं सकते।
वहीं सरपंच रविदत्त ने कैमरे पर कुछ ना बोलकर दबी चुबान में कहा कि कार्यक्रम का समय 10:30 बजे का दिया गया था, लेकिन मंत्री जी जल्दी आ गए। आने से पहले कोई सूचना भी नहीं दी गई, इस कारण भीड़ कम थी। अब मामला विधायक के माफी मांगने के बाद शांत है। इतना ही नहीं ग्रामीणों के गुस्से के बाद विधायक टेकचंद शर्मा इतने परेशान हो गए कि लोगों से भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगते समय हाथी का बटन दबाकर वोट डालने की अपील करते दिखें, हालांकि बाद में उन्होंने ग्रामीणों से माफी मांगते हुए कमल का बटन दबाने की अपील की।