Faridabad/Atulya Loktantra : भारतीय किसान यूनियन (भानु) के सचिव राजू तोमर ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते परेशान जनता अपने बच्चों फीस जमा करने में असमर्थ है लेकिन स्कूल के अध्यापको के द्वारा अभिभावकों पर फीस के लिए दवाब बनाया जा रहा है जिसे लेकर भरतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ठा०किरनपाल सिंह ने अपना रोष जाहिर किया है।
उनका कहना है कि जिन किसान और मजदूरों के बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते थे उन्हें इस नाजुक हालात में कोरोंना लॉक डाउन के चलते फीस देना बहुत मुसीबत का सबब बन गया है।
उनका कहना है कि सरकार अपने किसी भी फैसले पर कायम नहीं है , यह अपने आप में सरकार की कमजोरी जाहिर करती है। जो मजदूर काम करके किसी तरह मेहनत करके अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई करवा रहे थे , उनके लिए आज बहुत बड़ी दिक्कत हो गई है। आज आम आदमी के हालात बद से बदतर हो गए हैं सरकार को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए फीस माफ करने का आदेश जारी करना चाहिए।
युवा किसान नेता राजू तोमर ने लॉक डाउन में स्कूलों द्वारा कराई ऑनलाइन पढ़ाई को महज स्कूलों द्वारा किया जा रहा ढकोसला करार दिया उनके अनुसार यह महज पढ़ाई के नाम पर सिर्फ पैरेंट्स से धन बटोरने का जरिया मात्र है जो कतई उचित नहीं है। देखने वाली बात यह है कि सरकार इस सब पर आंखे मूंदे बैठी हुई है।
ऑनलाइन पढ़ाई का झांसा देकर स्कूल व कालेज धन को बटोरने में लगे हैं जबकि कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनको ऑनलाइन के बारे में कोई जानकारी नहीं है और माता-पिता के पास कोई एंड्रॉयड फोन भी उपलब्ध नहीं है । ऐसी स्थिति में भला ऑनलाइन पढ़ाई कैसे की जाए , यह एक बड़ा सवाल है। जबकि पढ़ाई फीस के लिए विद्यालयों से फोन आना चालू हो गये है। सरकार इस मामले में बिल्कुल गम्भीर नहीं लग रही है ।