Faridabad/Atulya Loktantra : कोरोना काल में लॉकडाऊन के बावजूद फरीदाबाद में हो रहे एक बाल विवाह को समय पर खबर मिलते ही पुलिस ने रूकवा दिया। यह आयोजन बडख़ल गांव के पास स्थित एक कालोनी में हो रहा था। पुलिस ने इससे पहले भी कई बाल विवाह रूकवाए हैं, यह मामला रविवार का है। अनखीर पुलिस को सूचना मिली थी कि बडख़ल गांव के साथ बसी हुई जम्हाई कालोनी में एक व्यक्ति अपनी नाबालिग बच्ची की शादी करवा रहा है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और कालोनी में दबिश दे दी। वहां जाकर पुलिस ने पहले शादी रोकने की हिदायत दी, उसके बाद बच्ची के जन्म से संबधित सभी कागजात मांगे।
कागज देखने पर पता चला कि लडक़ी नाबालिग है। यह देखते ही पुलिस ने मौके पर बाल सरंक्षण अधिकारी हेमा कौशिक को वहां बुलवा लिया। उनकी जानकारी में सारा केस लाया गया, उसके बाद वहां एकत्रित सभी लोगों को जाने के लिए कहा गया। शादी रूकवाते ही बच्ची के पिता नवाजुद्दीन को बाल सरंक्षण अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि इस अपराध में तुम्हारे खिलाफ कठोर कार्रवाई हो सकती है। यह सुनते ही नवाजुद्दीन के पैरों तले से जमीन खिसक गई। पुलिस ने भी जानकारी ना होने के चलते नवाजुद्दीन को समझाकर और भविष्य में ऐसा दोबारा ना करने की चेतावनी के साथ छोड़ दिया।
पुलिस व बाल सरंक्षण अधिकारी ने उससे यह लिखवा लिया कि वह दोबारा ऐसा नहीं करेगा और 18 साल की होने के बाद ही अपने बेटी की शादी करेगा। बता दें कि इससे पहले भी बाल सरंक्षण अधिकारी हेमा कौशिक ने कई बाल विवाह लॉकडाऊन के दौरान ही रूकवाएं हैं। बता दें कि बाल विवाह पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और इस पर कठोर सजा का प्रावधान भी है। राजस्थान में आज भी कई गांवों में यह प्रथा जीवित है। वहां कई बार बाल विवाह को लेकर बड़े विवाद सामने आ चुके हैं। कई बार लोग गुपचुप तरीके से बाल विवाह करने का प्रयास करते हैं। जबकि कई बार यह सामने भी आ जाते हैं, जिसके बाद उन्हें रूकवा दिया जाता है। राजस्थान में अक्सर बड़े स्तर पर बाल विवाह होते हैं। दरअसल शिक्षा के अभाव में यह कृत्य अंजाम दिए जाते हैं। जागरूकता ना होने के चलते भी ऐसे अपराध अनजाने में किए जाते हैं।