Faridabad/Atulya Loktantra News: गौसेवा करने वाले के जीवन में अनंत काल के संचित पापों का भी क्षय हो जाता है। इसके अलावा गौ से प्राप्त अवयवों से जीवन में भी अनेक प्रकार आधि व्याधियों से मुक्ति मिलती है। यह बात जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कही। वह श्री सिद्धदाता आश्रम द्वारा संचालित श्री नारायण गौशाला में गोपाष्टमी के अवसर पर आयोजित पूजन में भक्तों को संबोधित कर रहे थे।
स्वामीजी ने कहा कि गौ की सेवा के बारे में अनेक धार्मिक ग्रंथों में वर्णन आता है कि गौ सेवक के जीवन से पापों का अंत होता है। इसके साथ ही गौ सेवा की इतनी महत्ता है कि व्यक्ति का जीवन नीरोग होता है। गौ से प्राप्त अवयवों के विभिन्न प्रकार के प्रयोगों से हम अपने जीवन में रोगों को दूर कर सकते हैं। वहीं गौ उत्पादों का प्रयोग कर हम अपने शरीर और मन दोनों को पुष्ट कर सकते हैं।
स्वामीजी ने गौ सेवा करने वाले सेवकों को भी आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके मंगल की कामना की। इससे पहले उन्होंने गौ पूजा करने के बाद गऊओं को ग्रास भी प्रदान किया। इस पूरे आयोजन में कोरोना काल के सभी सावधानियों को भी बरता गया।
गौरतलब है कि श्री नारायण गौशाला में करीब 300 की संख्या में गौधन को आश्रय प्राप्त है। वहीं इनका किसी भी प्रकार का वाणिज्यिक प्रयोग भी नहीं किया जाता है। गौ से प्राप्त सभी अवयवों का आश्रम की सेवाओं में ही प्रयोग होता है।