Chandigarh/Atulya Loktantra : सरकारी स्कूलों में स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की अनिवार्यता खत्म करने का फैसला सरकार ने वापस ले लिया है। अब दाखिले के लिए एसएलसी अनिवार्य कर दिया है। हालांकि दाखिला लेने वाले विद्यार्थी को एसएलसी के लिए 15 दिन का वक्त दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा एसएलसी की अनिवार्यता खत्म करने पर निजी स्कूल संचालकों ने विरोध किया था। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने स्कूल संचालकों से बातचीत की। पंचकूला स्थित शिक्षा सदन में हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के सामने प्राइवेट स्कूलों का पक्ष रखा। कुंडू ने बिना एसएलसी दाखिले के आदेशों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि निजी स्कूलों द्वारा पिछले सत्र का बकाया लेने के लिए एसएलसी एकमात्र साधन है।
देर शाम सेकंडरी एजुकेशन निदेशक ने आदेश जारी कर कहा कि बिना एसएलसी के अस्थाई दाखिला दे दिया जाए। पिछले स्कूल से उसकी एसएलसी के लिए आग्रह किया जाए। विद्यार्थी को स्थाई दाखिला तभी माना जाएगा, जब एसएलसी जमा कराई जाएगी।
स्कूल संघ ने कहा कि 10 साल के बाद केवल स्कूलों की समीक्षा के बारे में कहा था। अधिकारियों ने नई मान्यता का फॉर्म भरने पर दबाव डाला जा रहा है। जो गलत है। एमआईएस पोर्टल को स्कूल के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से जोड़ना चाहिए। स्कूलों का ट्रांसपोर्ट बंद है, इसके चलते बस की किस्तें माफ होनी चाहिए। बस पर जो सरकारी टैक्स लगता है, उसके साथ इंश्योरेंस पर माफी होनी चाहिए।