New Delhi/Atulya Loktantra: कृषि कानूनों के खिलाफ 17 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार की सुबह दिल्ली जाने वाले सभी हाइवे और छोटी-बड़ी सड़क जाम करने की तैयारी की है। देर रात हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों के जत्थे निकल चुके थे। साथ ही किसानों ने 14 दिसंबर को कुंडली बार्डर पर अनशन के लिए बैठने की भी घोषणा की है। इससे पहले किसानों ने शनिवार को भी हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में दर्जन भर टोल प्लाजा कब्जे में लेने के बाद हजारों वाहन फ्री में निकलवाए। इस बीच, हरियाणा के 29 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर नए कानूनों का अपना समर्थन दिया।
शनिवार को पूर्व घोषित दिल्ली-जयपुर हाइवे जाम करने के फैसले से पीछे हटते हुए किसानों ने दिल्ली-आगरा हाइवे पर पलवल में तुमसरा, दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर करनाल में बस्तारा और अंबाला में शंभू, अंबाला-हिसार हाइवे पर टोल प्लाजा, हिसार-दिल्ली एनएच-9 पर मय्यार, एनएच-52 पर बाडो पट्टी, हिसार-राजगढ़ पर चौधरीवास, हिसार-सिरसा पर लंधारी, जींद-निरवाना हाइवे पर टोल प्लाजा, चरखी दादरी में कितलाना, डबवाली में कुइयां मलकाना, शाहजहांपुर में सबली कटेली, मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मांट, बाजना कट, ग्रेटर नोएडा में जीटी रोड पर लुहारली और ईस्टर्न पेरिफेरल-वे पर बील अकबरपुर व सिरसा टोल प्लाजा पर घंटों तक कब्जा किए रखा।
बातचीत की राह खुली पर सिर्फ कानून रद्द करने पर
सिंधु बार्डर पर किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि यदि सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम भी तैयार हैं, लेकिन पहले तीनों कानूनों को वापस लेने की हमारी मुख्य मांग पर बात हो, फिर किसी अन्य पर। उन्होंने सरकार पर आंदोलन कमजोर करने की कोशिश का भी आरोप लगाया।
मांग नहीं मानी तो 19 से आमरण अनशन
भाकियू हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों की मांग नहीं मानी गई तो 19 दिसंबर से आमरण अनशन का एलान किया जाएगा।